जब अल्ताफ राजा ने जैकी श्रॉफ को पढ़ाया आशिकी का पाठ, हर दीवाना बोल उठा - 'इश्क और प्यार का मजा लीजिए'

Altaf Raja Birthday: अल्ताफ राजा का नाम अल्ताफ इब्राहिम मुल्ला हुआ करता था. जब वो संगीत में आए तो उनकी मां ने नाम बदल कर अल्ताफ राजा किया. तबसे सब उन्हें इसी नाम से जानने लगे.

Written by - Kamna Lakaria | Last Updated : Oct 14, 2022, 06:09 PM IST
  • अल्ताफ राजा के नाम हैं कई रिकॉर्ड
  • फिल्मों मे लेकर आए थे कव्वाली
जब अल्ताफ राजा ने जैकी श्रॉफ को पढ़ाया आशिकी का पाठ, हर दीवाना बोल उठा - 'इश्क और प्यार का मजा लीजिए'

नई दिल्ली: 90 के दशक में अपने गानों से आशिकों का दर्द सामने लाने वाले अल्ताफ राजा को ऐसे ही कव्वाली किंग नहीं कहा जाता. गायिकी का हुनर अल्ताफ राजा को विरासत में मिला. उनकी मां और पिता अपने समय के मशहूर कव्वाल थे. पिता का नाम इब्राहिम इकबाल कव्वाल और मां का नाम रानी रूपलता कव्वाल था. 

मां ने दिया हौंसला

अल्ताफ राजा नागपुर में पैदा हुए और काम के सिलसिले में उनके माता-पित को बार-बार मुंबई जाना पड़ता था. करियर की जब बात आई तो उन्होंने पहले फैशन डिजाइनिंग के बारे में सोचा और बाद में टेक्निकल इंजीनियरिंग का कोर्स भी किया, लेकिन घर में संगीत का माहौल था तो संगीत की तरफ ही ज्यादा रुझान रहा. मां ने हौंसला दिया कि जब इसी फिल्ड में आना है तो ट्रेनिंग भी ले ही लो. बस ऐसे म्यूजिक को अपनी पहचान बना लिया.

म्यूजिक को सीखा

बता दें कि अल्ताफ राजा ने स्वर्गीय पंडित प्रसाद जयपुरवाले जी से सेमी क्लसिकल की ट्रेनिंग ली. इकबाल खान साहब से हार्मोनियम सीखा. बहुत से लोगों से म्यूजिक सीखने तके बाद सिंगर छोटे-छोटे शो करते रहे. फिर 1996 में 'तुम तो ठहरे परदेसी' रिकॉर्ड किया.

गाने को लेकर बवाल

अल्ताफ राजा कहते हैं कि उन्हें बिलकुल अंदाजा नहीं था कि वो इतना हिट हो जाएगा. एल्बम का नाम पहले 'पंगा ले लिया था' रखा जा रहा था. अल्ताप राजा का कहना है कि वो 'तुम तो ठहरे परदेसी' महफिलों में इतना गा चुके थे कि उसकी ओर ध्यान ही नहीं गया. यहां तक की एल्बम में भी 'तुम तो ठहरे परदेसी' को शामिल नहीं किया गया था पर मां ने कहा कि इस गाने को टीवी पर जब इतना गाया है तो एल्बम में भी डालो. बस उसी के बाद से वो गाना एक हिस्ट्री बन गया.

जब मिला पहला ब्रेक

'तुम तो ठहरे परदेसी' की अपार सफलता को देखते हुए अल्ताफ राजा को फिल्म का ऑफर भी मिला. एक दिन राजीव बब्बर जी का फोन आया कहते हैं कि 'शपथ' नाम की एक फिल्म बना रहा हूं. उसमें तुम्हें गाना भी गाना है और एक्टिंग भी करनी है. फिर क्या आनंद मिलिंद साहब के साथ मिटिंग हुई और गाना था 'इश्क और प्यार का मजा लीजिए, इंतजार का मजा लीजिए'. इस गाने में अल्ताफ ने जैकी श्रॉप और मिथुन चक्रवर्ती के साथ जमकर ठुमके लगाए थे.

यही नहीं अल्ताफ को 'हंटर' और 'घनचक्कर' जैसी फिल्मों में भी गाना कंपोज करने का मौका मिला लेकिन जो ख्याति उन्होंन 90 के दशक में 'तुम तो ठहरे परदेसी' से पाई वो दोबारा नहीं मिली. आज भी उन्हें कव्वाली किंग कहा जाता है, उनके गानों का रिकॉर्ड आज भी कायम है और उनकी फैन फॉलोइंग देखनी है तो किसी भी देहात के ऑटो चालक से बात करके देखिए.

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