नई दिल्ली: कोलावरी स्टार (Kolaveri Star) के साउथ से लेकर बॉलीवुड और हॉलीवुड में भी चाहने वाले हैं. किसी भी पर्दे पर उनकी मौजूदगी ही फैंस के लिए काफी है. मूंछों पर ताव देने वाले धनुष (Dhanush) अपनी फिल्मों में पालतू जानवरों के साथ बोंड करते दिखाई दे ही जाते हैं. धनुष कितने बड़े एनिमल लवर है इस बात का अंदाजा इस चीज से लगाया जा सकता है कि इनके पास दो हस्की और दो लैब्राडॉर हैं. हमेशा अपने फ्री टाइम में धनुष इनके साथ मस्ती करते दिख ही जाते हैं.
39 साल के धनुष स्क्रीन पर बखूबी अपना टशन दिखाते हैं. वहीं साथ में इनकी फिल्मों में जानवरों अपने साथ एक अलग स्क्रीन प्रेजेंस और आइडिया लेकर आते हैं. आइए इनकी कुछ ऐसी ही स्पेशल फिल्मों पर नजर डालते हैं.
'आड़ुकलम'
2011 में रिलीज हुई इस फिल्म में धनुष मुर्गों को आपस में लड़ाता दिखाई देता है. मुर्गों की वो लड़ाई हार जीत से बढ़कर है. लड़ाई है सम्मान की, प्यार की और स्वाभिमान की. इसी के ईर्द-गिर्द बुनी ये फिल्म 6 नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी है. इसके सीन में दर्शकों को धनुष मुर्गे के सामने अपने दिल की बात रखते दिखाई देंगे. पूरी बातचीत को सुन कहीं से भी ऐसा नहीं लगता कि वो किसी पक्षी से बात कर रहे हैं.
'मारी'
2015 में रिलीज हुई इस फिल्म एक गुंडा मारी लोगों से पैसे वसूलने के अलावा कबूतर की रेस करवाता है. वो अपने कबूतरों से बहुत प्यार करता है. कबूतर जहां शआंति से रेस करते हैं. वहीं रेस में आने वाला हर आदमी आपस में बैर रखता है. एक सीन में मारी यानी धनुष के कुछ कबूतर जल जाते हैं. धनुष का वो इमोशन किसी पक्षी नहीं बल्कि इंसान से बढ़कर दोस्त के जाने के दुख को दिखाता है.
'असुरन'
2019 में रिलीज हुई इस फिल्म को भी नेशनल अवॉर्ड दिया गया है. फिल्म में जातिवाद को सिर्फ घटनाओं से ही नहीं बल्कि संपत्ति व्यवहार और जानवरों की मदद से भी दिखाया गया है. फिल्म में एक सीन आता है जहां धनुष और उसके बेटे के पीछे कुत्ते छोड़े जाते हैं. सीन बहुत ही डरावना है लेकिन जानवरों की मदद से ऊंची जाति वालों की विलासिता दिखाई गई है. जहां धनुष के घर पर बकरियां होती हैं वहीं ऊंची जाति वालों के घर में शिकारी कुत्ते.
'करणण'
2021 में रिलीज हुई करणण के ट्रेलर को ध्यान से देखिएगा. ट्रेलर में काले रंग के घोड़े पर हाथ में तलवार लिए एक युवक होता है. उसे देखते ही साफ जाहिर होता है कि वो असुरों का नाश करेगा.
सफेद घोड़ा जहां पवित्रता को दर्शाता है वहीं काले घोड़े से एग्रेशन दिखाने की कोशिश की गई है. पूरी फिल्म भेदभाव से पीड़ित लोगों के लिए न्याय दिलाने वाली फिल्म है. इसके अलावा फिल्म में बाज और मुर्गी के बच्चे वाला सीन भी एक तरह से बड़े और छोटे (जाति) का डिफरेंस दिखाता है.
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