'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' एक देशभक्त वैज्ञानिक की कहानी, जो हुआ कई देशों की साजिश का शिकार

फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' के जरिए आर माधवन  (R Madhavan)  अभिनय के बाद बतौर निर्देशक अपना डेब्यू कर रहे हैं. फिल्म में एक ऐसे वैज्ञानिक की कहानी दिखाई जा रही है जिन्हें देशभक्ति की सजा दी गई.

Written by - Vineeta Kumari | Last Updated : Apr 4, 2021, 05:39 PM IST
  • जासूसी के आरोप में मिली जेल की सजा
  • CBI जांच में पाए गए निर्दोष, घटना को बताया साजिश
'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' एक देशभक्त वैज्ञानिक की कहानी, जो हुआ कई देशों की साजिश का शिकार

नई दिल्ली: आर माधवन (R Madhavan) अभिनय के बाद बतौर निर्देशक अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. डेब्यू फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' के जरिए माधवन एक ऐसे वैज्ञानिक की कहानी को   रुपहले पर्दे पर उतारने जा रहे हैं जिन्हें न्याय के लिए कई सालों का इंतजार करना पड़ा.

फिल्म में माधनव (R Madhavan) नंबी नारायणन की भूमिका निभा रहे हैं. माधवन के साथ ही सुपरस्टार शाहरुख खान (Shahrukh Khan) गेस्ट अभिनेता के तौर पर नजर आएंगे.

फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' की कहानी
इन दिनों हर कोई सच्ची घटनाओं पर आधारित या बायोपिक फिल्मों की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहा है. इसी बीच माधवन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक नंबी नारायणन के जीवन के 27 साल से लेकर 70 की कहानी को फिल्म का रूप दिया है.

नंबी नारायण का जन्म 12 दिसंबर 1941 को तमिलनाडु में हुआ था. नंबी के पिता नारियल का बिजनेस करते थे और मां हाउस वाइफ थीं. इन सबसे ऊपर उठकर एक मध्यवर्गीय बच्चे के आंखों में बहुत बड़ा सपना था जिसे बहुत हद तक उन्होंने पूरा भी किया. 

नंबी पढ़ाई में शुरू से ही काफी अच्छे थे और वह क्लास 10वीं से 12वीं तक अपनी कक्षा में टॉप आए. जिसके बाद इंजीनियरिंग की और एक शुगर फैक्ट्री में काम करने लगे पर उनका मन आसमान की बुलंदियों को छूने में था, इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने ISRO ज्वाइन कर लिया.

ये भी पढ़ें-करण जौहर की सेक्सुअलिटी पर उठते रहे हैं सवाल, लेकिन करते थे किसी हसीना से बेहद प्यार.

नंबी पर देश ने दिखाया भरोसा
90 के दशक में पूरी दुनिया स्पेस प्रोग्राम को लेकर विकसित देश अमेरिका और रूस पर निर्भर थी. भारत भी अन्य देशों की तरह अमेरिकन स्पेस प्रोग्राम पर निर्भर अरबों डॉलर खर्च कर रही थी. उसी समय उन्हें नंबी नारायणन ने स्वदेशी स्पेस रिसर्च का भरोसा दिलाया.

और सरकार ने भी नंबी पर स्वदेशी क्रायोजनिक इंजन जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंप दी. नंबी को इस प्रोजेक्ट का डायरेक्टर बनाया गया.

जासूसी का आरोप लगा जेल में किया बंद
साल 1994 में तिरुअनंतपुरम से मालदीव जा रही एक महिला को गिरफ्तार किया गया. महिला से तलाशी और पूछताछ के दौरान पता चला कि वह ISRO के स्वदेशी क्रायोजनिक इंजन की ड्राइंग की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दे रही थीं.

महिला की गिरफ्तारी के बाद नंबी नारायणन और उनके दो अन्य साइंटिस्ट डी. शशिकुमारन और के. चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया. इन तीनों वैज्ञानिकों पर पाकिस्तान के लिए भारत में रहकर जासूसी करने का आरोप लगाया गया. खैर पुलिस के पास कोई सबूत नहीं थे लेकिन फिर भी तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

ये भी पढ़ें-कपूर खानदान की ऐसी बहू जिसने प्यार के लिए अपना करियर छोड़ दिया.

CBI जांच में पाए गए निर्दोष
जिस नंबीने देश के लिए बड़े सपने देखें वह उसी दिन धूल में मिल गए जब उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. उनकी गिरफ्तारी के बाद स्वदेशी क्रायोजनिक इंजन बनाने का सपना ठप्प हो गया.  इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा.

हाईप्रोफाइल केस  होने की वजह से दिसंबर 1994 में सीबीआई के हाथ मामला सौंप दिया गया. सीबीआई ने अपनी जांच में इंटेलिजेंस ब्यूरो और केरल पुलिस के आरोप को गलत पाया और 1996 में रिपोर्ट दाखिल कर इस केस को CBI ने फर्जी करार दिया.

सीबीआई जांच में यह बात भी सामने आ गई कि भारत के स्पेस प्रोग्राम को रोकने के लिए नंबी नारायण को गलत आरोप में फंसाया गया था. अमेरिका जैसा देश नहीं चाहता था कि उनका इतना भारी नुकसान हो.

मिला 75 लाख का भुगतान
साल 1998 में केरल की तत्कालीन सीपीएम सरकार ने नंबीकेस में दोबार जांच का आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की इस आदेश को खारिज कर दिया और सभी को निर्दोष करार दिया.

नंबी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने गैरजरूरी बताया और केरल सरकार से उन्हें नियमों के तहत 75 लाख का भुगतान करने को कहा. यह फैसला चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में सुनाया गया था. 

नंबी पर लगे आरोपों की जांच में पाया गया कि इस पूरी साजिश में उनकी कोई भूमिका नहीं थी जिसके लिए उन्हें देशद्रोही करार दिया गया. और इसमें विदेशी मुल्कों की साजिश बताया जिसके तहत भारत आज स्पेस के क्षेत्र में अन्य विकसित देशों के मुकाबले 10-15 साल पीछे चला गया.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़