नई दिल्ली: 70 का दशक खत्म होने को था, उसी दौरान साउथ फिल्मों में एक अभिनेत्री का खूब बोल-बाला होने लगा. जिसकी हर अदा पर लोग खिचे जाने लगे. देखते ही देखते तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में छा जाने वाली ये एक्ट्रेस थीं विजयलक्ष्मी वदलापति, जिसने बड़े पर्दे पर सिल्क स्मिता (Silk Smitha) के नाम से पहचान हासिल की. सिल्क अपनी अदाओं से जिस तरह दर्शकों पर जादू चला रही थीं, वो हर किसी को हैरान कर रहा था. वो इतनी तेजी से दिलों पर छाई की कोई समझ ही नहीं पाया कि वो कहां से आई और अचानक कैसे दिलों पर राज करने लगीं.
गरीब परिवार में हुआ था सिल्क का जन्म
सिल्क का जन्म 2 दिसंबर, 1960 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में बेहद गरीब परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह उन्हें ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं पाए और एक्ट्रेस को घर के कामों में ही हाथ बटाना पड़ता था. वहीं, सिल्क के परिवार ने जल्द ही उनकी शादी एक बैलगाड़ी चालक से करवा दी. लेकिन शादी के बाद भी सिल्क की मुसीबतें कम होने की बजाय और बढ़ गईं.
सिल्क को साथ बदसलूकी करते थे ससुराल वाले
कहते हैं कि सिल्क का पति और ससुराल वाले उन्हें बहुत मारते-पीटते थे. एक दिन सिल्क इसी जुल्म से इतनी तंग आ गईं वह घर से भाग गईं और चैन्नई पहुंच गईं. यहां भी उन्हें मुश्किलें तो हुईं, लेकिन उनके लिए ये जिंदगी भी अपने पति के साथ रहने से बेहतर थी.
यहां उन्होंने एक साउथ एक्ट्रेस के घर नौकरानी के तौर पर काम करना शुरू कर दिया. फिल्मों की ओर रुझान तो सिल्क को बचपन से ही था, जो यहां आने के बाद और बढ़ गया था. यही वजह थी कि उन्होंने उस एक्ट्रेस के घर से नौकरानी का काम भी नहीं छोड़ा.
ऑडिशन देने लगीं सिल्क
सिल्क को नौकरानी होने का ये फायदा था कि वो बड़े-बड़े फिल्मकारों से आसानी से मेल-जोल बढ़ा पा रही थीं. सिल्क को ये बात तो अच्छी तरह समझ आ गई थी कि अब ऐसे ही बैठे रहने से कुछ नहीं होगा. बस फिर क्या था उन्होंने ऑडिशन्स देने शुरू कर दिए. उन्होंने कभी अभिनय की कला नहीं सीखी थी, इसीलिए सिल्क ऑडिशन्स में ही एक्टिंग भी सीखने लगीं. इसी दौरान उन्हें आखिरकार अपने करियर की शुरुआत करने का मौका मिल गया. उन्हें 1979 में आई तमिल फिल्म 'विंडीचक्रम' में देखा गया.
सिल्क की अदाओं ने बनाया दीवाना
इसी फिल्म से सिल्क ने दर्शकों के दिलों में अपने लिए खास जगह बना ली. उनकी बड़ी-बड़ी नशीली आंखे, तीखे नैन-नक्श जैसे दर्शकों को आकर्षित करने लगे थे.
देखते ही देखते सिल्क उस मुकाम पर पहुंच गई थीं, जब लोग सिर्फ उन्हें देखने के लिए थिएटर जाने लगे. यहां तक कि कई फिल्में तो सिल्क के एक आइटम नंबर से ही हिट हो जाया करती थीं.
4 सालों में की थीं 200 फिल्में
आलम ये था कि निर्माता-निर्देशक सिल्क को अपनी फिल्मों में सिर्फ गाने करने के लिए 50 हजार रुपये फीस तक ऑफर करने लगे, जो उस समय काफी बड़ी कीमत हुआ करती थी. सिल्क इतना बड़ा नाम बन चुकी थीं कि साउथ फिल्मों के लगभग सभी फिल्मकार उन्हें कास्ट करने के लिए बेताब रहते थे. इसका नतीजा ये हुआ कि महज 4 सालों में सिल्क 200 फिल्मों का हिस्सा बन चुकी थीं.
ढलने लगा था सिल्क का करियर
फिल्मों की लंबी कतार के बावजूद अब सिल्क का करियर ढलने लगा था. दर्शक उनके एक ही तरह के काम को देखकर अब ऊब गए थे. ऐसे में सिल्क को भी ये बात बखूबी समझ आ गई थी कि अब वह एक्टिंग में कोई कमाल नहीं दिखा पाएंगीं.
ऐसे में उन्होंने निर्माता के तौर पर भी हाथ आजमाया. हालांकि, यहां भी इस बार दर्शकों ने उन्हें नकार दिया. सिल्क इस असफलता को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं.
23 सितंबर को हो गया निधन
एक्ट्रेस ने सभी से दूर रहना शुरू कर दिया और शराब की लत में डूब गईं. 23 सितंबर 1996, वो काला दिन जब सिल्क ने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया. वह घर में पंखे से लटकी हुई मिली थीं. छानबीन में पुलिस ने इस केस को आत्महत्या का नाम देकर बंद कर दिया. सिल्क ने जो छाप दर्शकों के जहन में छोड़ी हैं, वो आज भी कायम है. उनके बाद भी इंडस्ट्री में कई एक्ट्रेस ने अपनी बोल्डनेस से दर्शकों को लुभाया, लेकिन जो अदा सिल्क में थी, वो दोबारा किसी में नहीं मिल पाई.
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