नई दिल्ली: नेटफ्लिक्स पर एक डॉक्यू सीरीज आई जिसका नाम था 'इंडियन प्रीडेटर' (Indian Predator out tomorrow) यानी हिंदी में समझें तो 'भारतीय शिकारी'. ये भारत के उन खौफनाक हत्यारों को लेकर शुरू की गई सीरीज है जिनके नाम कई हत्याएं दर्ज हैं. जिन्हें न पुलिस का खौफ था न कानून का. जिन्हें लोगों के गले रेतने में इतना मजा आता था कि वो अपना-पराया, गलत-सही का फर्क भी भूल गए थे. 7 सितंबर को 'इंडियन प्रीडेटर' का दूसरा भाग रिलीज होने जा रहा है जिसमें ऐसे ही एक साइको किलर राजा कोलंदर के बारे में बताया जाएगा.
राजा कोलंदर का खौफ
2000 का वो दौर था जब एक इंसान की हैवानियत ने रुह कंपाने वाली वारदातों को अंजाम दिया. नाम था राजा कोलंदर. इसे साइको किलर, हैवान, शैतान, खूनी दरिंदा, खौफनाक हत्यारा न जाने क्या-क्या बुलाया जाता था. अपराध करना इसकी मजबूरी नहीं इसकी आदत थी. इसे खून करने की लत लग गई थी.
दूसरों को तड़पता देख इसे अलग ही मानसिक शांति मिलती. इसे नर पिशाच भी कहा जाता था. इस इंसान की हैवानियत तब सामने आई जब एक अखबार में काम कर रहे पत्रकार धीरेंद्र लापता हुए.
पत्रकार धीरेंद्र की मौत से खुला रहस्य
14 दिसंबर 2001, पत्रकार धीरेंद्र लापता हो गए. दो दिन बाद जब घर न लौटे तो खोजबीन शुरू कर दी गई. उस दौर में फोन, कैमरे, सर्विलांस जैसी चीजें नहीं हुआ करती थीं इसलिए केस काफी उलझा हुआ था. कातिल ने एक गड़बड़ कर दी. धीरेंद्र के फोन से सांसद के बेटे को और अपने घर पर फोन मिलाया था.
पुलिस ने सांसद के बेटे को गिरफ्त में ले लिया और वहां से पता चलाया कि फोन कहां से किया गया है. उस समय कीडगंज के एसओ एसएन त्रिपाठी थे उन्होंने नैनी के एक पिगरी फार्म में दबिश दी. फिर उनका सामना हुआ दुनिया के सबसे खौफनाक हत्यारे राजा कोलंदर से.
राजा कोलंदर लूटता था गाड़ियां
जब पुलिस पिगरी फार्म पहुंची तो राजा कोलंदर टाटा सूमो से फरार हो रहा था. वो टाटा सूमो उसकी नहीं थी. बहरहाल उसने पुलिस को बताया कि वो गाड़ियां लूटता है. धीरेंद्र को उसने अपना दोस्त बताया. उसने पुलिस को ये भी कहा कि वो गाड़ी लूटकर हत्या करने वालों का गिरोह चलाता है और टाटा सूमो किसी रायबरेली के युवक की है.
वो बार-बार धीरेंद्र की हत्या से इनकार करता रहा. फिर पुलिस ने उसे दिमागी चोट देना शुरु किया. थाने में उसकी पत्नी और बच्चों को लाया गया. राजा कोलंदर की हिम्मत जवाब दे गई और उसने एक के बाद एक कई खुलासे किए.
धीरेंद्र के किए थे टुकड़े
राजा कोलंदर ने एक-एक करके सारा सच पुलिस के सामने उड़ेल दिया. उसने बताया कि 15 दिसंबर की रात धीरेंद्र उसके पिगरी फार्म पर आग ताप रहा था. उसने पहले धीरेंद्र को गोली मारी फिर उसके शरीर के कई टुकड़े कर दिए. इन टुकड़ों को उसने रीवा से लेकर शहडोल तक फेंक दिया.
राजा कोलंदर ने लगभग 14 कत्ल किए थे. सबको मारने का तरीका एक सा था. पहले पीठ पर गोली मारता फिर शरीर के टुकड़े कर उन्हें अलग-अलग गड्ढों में दफना देता.
पिगरी फार्म दफन
लोगों की मारने के बाद राजा कोलंदर उन्हें अपने पिगरी फार्म में ही दफन किया करता था. जब एक-दो खून के बाद भी वो पकड़ा न गया तो उसका हौंसला बढ़ गया और वो बेखौफ होकर खून करने लगा. पुलिस ने कई जगहों पर छापा मारा और मृत लोगों की हड्डियां बरामद की. राजा कोलंदर ने गाड़ियों को लूट लाखों रुपए कमाए थे.
राजा कोलंदर एक सरकारी दफ्तर में एडहॉक पर काम करता था और उसने कई लोगों को ब्याज में लाखों रुपए बांट रखे थे. इस कांड का खुलासा उस वक्त SSP रहे पीके तिवारी ने किया था साथ ही उन्होंने इलाहाबाद पुलिस की तारीफ कर उनकी तुलना स्कॉटलैंड पुलिस से की थी. 14 हत्याओं का आरोपी राजा कोलंदर आज भी जेल में बंद है.
भेजा खा गया
राजा कोलंदर का एक दोस्त था काली प्रसाद श्रीवास्तव जिसे उसने 50,000 रुपए उधार दे रखे थे. काली प्रसाद राजा कोलंदर को पुलिस से बचने के एक से बढ़कर एक आइडिया दिया करता था. उसके नुस्खों का ही कमाल था कि 14 हत्याएं करने के बाद भी पुलिस राजा को पकड़ नहीं पाई. हालांकि पैसे की वजह से दोनों के रिश्ते के बीच दरार आ गई.
काली प्रसाद का भी वही हश्र हुआ. राजा ने उसकी गला रेतकर हत्या कर दी. उसकी खोपड़ी को राजा कोलंदर ने पिगरी फार्म में उबाला और खा गया. कोलंदर का मानना था कि काली का दिमाग बहुत तेज था और ऐसा करने से उसकी बुद्धि भी तेज हो जाती.
राम निरंजन नहीं राजा कोलंदर
राम निरंजन शंकरगढ़ के हिनौता गांव का रहने वाला था. छिवकी आर्डिनेंस एडहॉक डिपो पर नौकरी की बदौलत वो एक पिगरी फार्म खोल पाया. वहीं से हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ. उसने अपना नाम राम निरंजन से राजा कोलंदर कर दिया और सामने वाले को भी यही नाम बोलने के लिए कहता. यही नहीं उसने अपनी पत्नी का नाम फूलन देवी वहीं एक बेटे का नाम कलेक्टर और दूसरे का नाम विधायक रखा था. उसने अपने गिरोह में शामिल आदमियों को भी कोड नेम दे रखे थे.
14 लोगों के खून के जुर्म में राजा कोलंदर आज भी उन्नाव जेल में सजा काट रहा है. राजा कोलंदर के साथ उसका साला बछराज भी जेल में है. 'इंडियन प्रीडेटर सीजन 2' में इसी राजा कोलंदर के भयानक रूप को दिखाया जाएगा. देखना ये होगा कि पहले सीजन से लोगों के बीच खौफ पैदा करने वाली ये डॉक्यू सीरीज इस कहानी को कैसे परोसेगी.
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