जानिए, महाभारत के प्रसिद्ध गीतों को किन-किन गायकों ने दी थी आवाज

उस दौर में बीआर चोपड़ा के लिए यह मुश्किल था कि एक पौराणिक महाकाव्य को उसकी महानता के साथ कैसे परोसा जाए. लेकिन डॉ. राही मासूम रजा और लेखक पं. नरेंद्र शर्मा की लेखनी ने इस दुष्कर बीणा को उठाना आसान बना दिया. महाभारत के गीत भी प्रसिद्ध हुए थे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 2, 2020, 08:31 PM IST
    • राजकमल ने सीरियल के संगीत को अमर बना दिया
    • साधना सरगम, महेंद्र कपूर, नितिन मुकेश जैसे दिग्गज गायकों ने गाए गीत
जानिए, महाभारत के प्रसिद्ध गीतों को किन-किन गायकों ने दी थी आवाज

नई दिल्लीः लॉकडाउन में महाभारत और रामायण ने काफी धूम मचाई. इन दोनों सीरियल की TRP बताती है कि भारतीय दर्शक अच्छे कंटेंट में लिखा गया और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने वाले मनोरंजन को पसंद करते हैं. निर्माता-निर्देशकों का यह महज छलावा है कि दर्शक वल्गैरिटी को भी पसंद करते हैं, इसलिए दिखाना पड़ता है.

उस दौर में बीआर चोपड़ा के लिए यह मुश्किल था कि एक पौराणिक महाकाव्य को उसकी महानता के साथ कैसे परोसा जाए. लेकिन डॉ. राही मासूम रजा और लेखक पं. नरेंद्र शर्मा की लेखनी ने इस दुष्कर बीणा को उठाना आसान बना दिया. 

महाभारत की प्रसिद्धि में उसमें फिल्माए गए गीतों का भी बहुत बड़ा योगदान है. जिस तरह रामानंद सागर ने रामायण में कई सुंदर आवाजों का जमघट लगाया था ठीक वैसे ही बीआर चोपड़ा भी महाभारत के गीतों के लिए कई सरस्वती साधकों के दर पर पहुंचे. इनमें अनुराधा पौड़वाल, कविता कृष्णमूर्ति, नितिन मुकेश से लेकर दिग्गज गायक महेंद्र कपूर और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर भी शामिल हैं.

अथ श्री महाभारत कथा, गाते हुए महेंद्र कपूर की आवाज अलग ही रोमांच पैदा करती है. 

राजकमल थे म्यूजिक डायरेक्टर
महाभारत सीरियल का हर गाना दर्शकों को पसंद है और फिर चाहे टाइटल सॉन्ग हो या भगवान श्रीकृष्ण पर फिल्माया गया कोई दूसरा सॉन्ग. महाभारत की एक खासियत ये भी है कि इसमें हर घटना के हिसाब से गाना बनाया गया है.

हर एपिसोड में कहीं न कहीं ऐसा मौका आता है जब डायलॉग की जगह गानों के जरिए दर्शकों तक बात पहुंचाई जाती है और महाभारत की इसी बात से उसकी एक अलग पहचान बनी है. महाभारत सीरियल के म्यूज़िक डायरेक्टर थे राज कमल.

सूरदास और रसखान के पदों को दिए स्वर
महाभारत में सूरदास और रसखान की दोहावली और छंद को गायन के रूप में इस्तेमाल किया गया है. कृष्ण के बचपन की झलक सूरदास के पदों से ही दिखाई गई है. मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो, जसोदा हरि पालने झुलावें, दाऊ बहुत खिझायो आदि.  बाकी के गाने पंडित नरेन्द्र शर्मा ने लिखे थे. इन्हें गायकों ने अपनी सुरीली आवाजों से सजाया था. 

राज कमलः म्यूजिक भी दिया, गीतों को आवाज भी दी
म्यूजिक डायरेक्टर राज कमल ने न सिर्फ गीतों को म्यूजिक में पिरोया है बल्कि उन्होंने सीरियल के कई गाने भी गाए हैं, दिन पर दिन बीत गए, सबसे ऊंची प्रेम सगाई, बेटी चली पराए देश और गोविंद गोकुल आयो जैसी गीतों को उन्होने ने ही अपनी गायिकी से सजाया है.

महेन्द्र कपूरः टाइटल गीत, हर ऐपिसोड के अंतिम छंद गाए
महाभारत का शीर्षक गीत इन्होंने ही गाया है, इसके अलावा कई सारे एपिसोड के बीच में आने वाले सहायक गीत भी इन्होंने गाए थे.

जो प्राय: दो से तीन पंक्तियों के होते थे और जिनका आमतौर पर इस्तेमाल एपिसोड को खत्म करने के लिए किया जाता था.

अनुराधा पौडवालः प्रणय के प्रथम पहर की बात, सुभद्रा के लिए गाया गीत
अनुराधा पौड़वाल को विशेष तौर पर धार्मिक गीतों के लिए जाना जाता है. अनुराधा ने कई सारी बॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी आवाज दी है,

लेकिन भक्ति गाने में उनकी आवाज ज्यादा सुनने को मिलती है. यशोदा हरी पालने झुलावे, संदेशो देविकी सो कहियो, प्रणय के प्रथम प्रहर की बात जैसे बेहतरीन गानों को अनुराधा पौडवाल ने ही अपनी आवाज से सजाया है.

नितिन मुकेशः सूरदास के पदों को दी आवाज
गोकुल में कृष्ण अपनी बाल लीला से सबको रिझा रहे होते हैं. कभी खेलते हैं, कभी खीझते हैं. इस दौरान सूरदास के दो सुंदर पद इसका दर्शन कराते हैं. जब श्रीकृष्ण अपनी माता से बलराम भैया की शिकायत करते हैं.

उस गाने में मां-बेटे का बेहद खूबसूरत प्यार देखने को मिलता है, ये पद है मैया मोरी दाऊ बहुत खिझायो. इसे नितिश मुकेश ने गाया था.

साधना सरगमः रुक्मिणी की प्रार्थना को दिए स्वर
मोरी झनक झनक बाजे पायलिया, मनवा मधुर मधुर कछु बोल, विनती सुनिए नाथ हमारी जैसे दिल को छूने वाले गीत को अपनी अवाज से सजाया है साधना सरगम ने. यह गीत रुक्मिणी पर फिल्माया गया है, जब वह विवाह निवेदन के लिए श्रीकृष्ण को पत्र भेजती हैं. इन्होंने इसके अलावा भी महाभारत के कई गीतों में अपनी आवाज दी थी.

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कविता कृष्णमूर्तिः कई गीतों से बनाया मुरीद
जागिये ब्रज राजकुंवर और मोर पखा सिर ऊपर राखियो. ये दोनों ही गाने कविता कृष्णमूर्ति ने गाए हैं जो दर्शकों को काफी पसंद आए थे. कविता कृष्णमूर्ति रामायण में ही अपने गाए गीतों से सबको अपना मुरीद बना चुकी थीं.

उत्तर रामायण में उन्होंने लव-कुश की गाई रामकथा को आवाज दी थी. 

लता मंगेशकरः रासलीला में बिखेरे सुर
महाभारत सीरियल में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने भी एक गाना गाया है, और इस गाने में उनको सहयोग दिया था कविता कृष्णमूर्ति, सुरेश वाडेकर और राज कमल ने और गाने के बोल थे,

मोहन के मुख पर बांसुरी और ये गीत उस वक्त आता है जब कान्हा अपनी रासलीला से सभी गोपियों को मोहित कर देते हैं.

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