कोलकाता: कोरोना के इस दौर में संकट क काल बना ही हुआ है. इस बीच यह समय और भारी होता जा रहा है. दो दिनों में दो बॉलीवुड दिग्गजों की मौत से पूरा देश सकते में हैं. वहीं खेल जगत का एक सितारा भी गुरुवार को धरती छोड़ गया. देश के महान पूर्व फुटबॉलर सुबीमल चुन्नी गोस्वामी नहीं रहे. गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. वह 82 साल के थे. इस साल की शुरुआत ही तमाम दुखद स्मृतियों और कष्टकारी घटनाओं से हुई थी. इरफान खान, ऋषि कपूर और सुबीमल चुन्नी इसी की कड़ी हैं.
गोल्ड मेडल विनर टीम के कप्तान रहे थे सुबीमल
सुबीमल ‘चुन्नी’ गोस्वामी एशियन गेम्स 1962 की गोल्ड मेडल विनर टीम के कप्तान रहे थे. उन्होंने कोलकाता के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके परिवार में पत्नी बसंती और बेटा सुदिप्तो हैं. सुदिप्तो ने मीडिया से कहा, उन्हें दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल में करीब पांच बजे उनका निधन हो गया. उन्हें यहां नियमित चेक-अप के लिये लाया गया था. वह मधुमेह, प्रोस्ट्रेट और तंत्रिका तंत्र संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे. उन्हें रोज इंसुलिन लेना होता था
AIFF condoles Subimal (Chuni) Goswami’s death
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— Indian Football Team (@IndianFootball) April 30, 2020
जहां जन्मे, बांग्लादेश में है आज वह जिला
लॉकडाउन के कारण उनका मेडिकल सुपरवाइजर भी नियमित रूप से नहीं आ पाता था जिससे उनकी पत्नी बसंती उन्हें दवाई देती थीं. अविभाजित बंगाल के किशोरगंज जिले (मौजूदा बांग्लादेश) में जन्मे गोस्वामी का असल नाम सुबीमल था लेकिन उन्हें उनके निकनेम से ही जाना जाता था. उन्होंने भारत के लिये 1956 से 1964 के बीच में 50 अंतरराष्ट्रीय मैच (जिसमें से 36 अधिकारिक थे) खेले जिनमें रोम ओलंपिक शामिल था. उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 13 गोल दागे.
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जीता सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर का पुरस्कार, पद्मश्री से सम्मानित
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान के रूप में उन्होंने देश को 1962 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल और इस्राइल में 1964 के एशिया कप में सिल्वर मेडल दिलाया. ये अब तक का भारत का बेस्ट प्रदर्शन है. गोस्वामी बंगाल के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेले थे. क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी मैचों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया. गोस्वामी ने 1962 में एशिया के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर का पुरस्कार जीता था. उन्हें 1963 में अर्जुन पुरस्कार और 1983 में पद्मश्री से नवाजा गया.
Another legendary Indian Footballer and a fine first class cricketer has left us today. Rest in eternal peace Shri. Chuni Goswami. My heartfelt condolences to his bereaved family.#ChuniGoswami #RIPLegend #IndianFootball @IndianFootball pic.twitter.com/UT70VJsfBj
— Praful Patel (@praful_patel) April 30, 2020
बने मोहन बागान रत्न
भारतीय डाक विभाग ने जनवरी में उनके 82वें जन्मदिन पर भारतीय फुटबॉल में उनके योगदान के लिये विशेष डाक टिकट जारी किया. गोस्वामी पूरी जिंदगी एक ही क्लब मोहन बागान के लिये खेले जहां से 1968 में रिटायर हुए. वो 5 सीजन में टीम के कप्तान रहे और 2005 में मोहन बागान रत्न बने.