नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार को एक पीठ गठित करने पर सहमत हो गई है. इस संबंध में डाली ग याचिका में हिंदू पक्ष ने उस आदेश के विस्तार की मांग की है जिसके द्वारा ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा का आदेश दिया गया था.
CJI ने की पीठ की अध्यक्षता
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने बृहस्पतिवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की दलीलों पर गौर करते हुए कहा कि मामले में दिया गया संरक्षण का आदेश 12 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इसके विस्तार की आवश्यकता है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम कल (शुक्रवार को) दोपहर तीन बजे एक पीठ का गठन करेंगे.’’
निचली अदालत ने याचिका को कर दिया था खारिज
जैन ने त्वरित सुनवाई के लिए मामले का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि संबंधित क्षेत्र के संरक्षण के आदेश की अवधि समाप्त हो जाएगी. हिंदू भक्तों की याचिका की सुनवाई को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, वकील ने बताया कि निचली अदालत ने इसे खारिज कर दिया था और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक अपील लंबित है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश
शीर्ष अदालत ने 17 मई को एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था, जहां कथित ‘शिवलिंग’ मिला है और मुसलमानों को नमाज अदा करने की अनुमति दी थी. शीर्ष अदालत ने मुसलमानों को ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति भी दी थी.
जिला अदालत ने 14 तारीख तक टाल दिया था फैसला
वाराणसी स्थित त्वरित अदालत ने गत मस्जिद परिसर में पाए जाने वाले 'शिवलिंग' की पूजा की अनुमति देने वाली एक अलग याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपना फैसला 14 नवंबर तक के लिए टाल दिया था. ज्ञानवापी परिसर में बंद भूमिगत स्थानों के सर्वेक्षण की मांग को लेकर एक और मामले की सुनवाई जिला न्यायाधीश एके विश्वेश कर रहे हैं. इस मामले की सुनवाई 11 नवंबर को होगी.
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