सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की सुरक्षा पर मानवाधिकार आयोग ने मांगी दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विनीत जिंदल को खालिस्तानी आतंकवादी संगठन के साथ ही अनाम आतंकी संगठनों की ओर से जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं.

Written by - Nizam Kantaliya | Last Updated : Nov 2, 2022, 05:25 PM IST
  • नवीन जिंदल की सुरक्षा पर सख्त हुआ मानवाधिकार
  • दिल्ली पुलिस से मांगी उनकी सुरक्षा की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की सुरक्षा पर मानवाधिकार आयोग ने मांगी दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विनीत जिंदल और उनके परिजनों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली पुलिस से तत्काल रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर, स्पेशल कमिश्नर सुरक्षा और डीसीपी नॉर्थ वेस्ट अशोक विहार को नोटिस जारी करते हुए अधिवक्ता की सुरक्षा के मामले में की गयी कार्यवाही की रिपोर्ट को दो सप्ताह से पहले आयोग के सामने पेश करने के निर्देश दिए हैं. आयोग के निर्देशों का पालन नहीं करने पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की चेतावनी भी दी गयी है.

आतंकवादी संगठनों ने दी है जान से मारने की धमकी

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विनीत जिंदल को खालिस्तानी आतंकवादी संगठन के साथ ही अनाम आतंकी संगठनों की ओर से जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं.  अधिवक्ता विनीत जिंदल ने 'बब्बर खालसा' और 'सिख फॉर जस्टिस' सहित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों द्वारा दिए गए गंभीर खतरों के मद्देनजर अपने और अपने परिवार के लिए चौबीसों घंटे सुरक्षा का अनुरोध किया था. विनीत जिंदल को भी नुपूर शर्मा घटनाक्रम के बाद सर तन से जुदा करने की धमकी मिली थी.

दिल्ली पुलिस से मांगी थी सुरक्षा

लगातार मिल रही आतंकी धमकियों को लेकर विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मांगी थी. अधिवक्ता के आवेदन पर दिल्ली पुलिस ने एक जवान की सुरक्षा भी मुहैया करायी थी. लेकिन जिंदल ने इसे नाकाफी बताते हुए 24 घंटे सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी उपलब्ध कराने की मांग की थी. बार बार निवेदन के बाद भी पूर्ण सुरक्षा नहीं मिलने पर जिंदल ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था.

मानवाधिकार आयोग ने दिए थे सुरक्षा के निर्देश

मानवाधिकार आयोग ने विनित जिंदल की शिकायत पर 14 सितंबर 2022 को संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को 2 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही आयोग ने इस दौरान अधिवक्ता और उसके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे. आयोग के निर्देश के बावजूद दिल्ली पुलिस की ओर से कोई रिपोर्ट पेश नहीं की गयी है.

निर्देश का पालन न करने पर सख्त हुआ आयोग

आदेशों का पालन न करने पर आयोग ने कहा कि तीन अधिकारियों में से किसी ने भी आज तक आयोग को कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया है. आयोग संबंधित अधिकारियों द्वारा अपने निर्देशों की इस तरह की अनदेखी के बारे में बहुत गंभीर दृष्टिकोण रखता है.

आयोग के आदेशों का पालन न करने पर विनीत जिंदल की ओर से 25 अक्टूबर को दूसरी बार शिकायत दी गयी थी. आयोग ने अब इस मामले पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अधिकारियों की निष्क्रियता आयोग के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यह शिकायतकर्ता और उसके परिवार के जीवन के अधिकार के संरक्षण से संबंधित है.

आयोग ने दिल्ली पुलिस ने दिया है ये आदेश

आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर, विशेष पुलिस आयुक्त सुरक्षा और पुलिस उपायुक्त उत्तर पश्चिम दिल्ली, अशोक विहार को आदेश दिए हैं कि वह अब तक इस मामले में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट 2 सप्ताह के भीतर आयोग में पेश करे. आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और दोनों अधिकारियों को निर्धारित समय के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने का अंतिम अवसर देते हुए कहा है कि यदि 2 सप्ताह के भीतर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होती है, तो रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आयोग सभी को व्यक्तिगत रूप से तलब करेगा. आयोग ने मामले पर सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तारीख तय की है.

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