सुप्रीम कोर्ट में पूरी हुई 34 जजों की स्ट्रेंथ, जस्टिस राजेश बिंदल और अरविंद कुमार को जानिए

दो और नये न्यायाधीश मिलने से उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में न्यायाधीशों के सभी 34 पद भर गए हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार अगले दो दिन में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 10, 2023, 08:19 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट को 2 और जजों के नाम पर लगी मुहर
  • कौन हैं जस्टिस राजेश बिंदल और अरविंद कुमार?
सुप्रीम कोर्ट में पूरी हुई 34 जजों की स्ट्रेंथ, जस्टिस राजेश बिंदल और अरविंद कुमार को जानिए

नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को दो उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को पदोन्नत कर उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाया जिससे करीब नौ महीने के अंतराल के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या स्वीकृत कुल संख्या (34) के बराबर हो गई. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर शीर्ष अदालत में नई नियुक्तियों के बारे में घोषणा की और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं.

जानें कब शपथ लेंगे सुप्रीम कोर्ट के दो नए जस्टिस
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार अगले दो दिन में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे.

न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 34 हो जाएगी जो इसकी स्वीकृत अधिकतम संख्या है. उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा 31 जनवरी को उनके नामों की सिफारिश की गई थी. केंद्रीय कानून मंत्रालय के तहत न्याय विभाग ने उनकी नियुक्तियों के संबंध में अलग से अधिसूचना जारी की है.

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ को किसके नाम पर थी आपत्ति?
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक प्रस्ताव के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में कॉलेजियम के सभी छह सदस्य न्यायमूर्ति बिंदल के नाम पर सर्वसम्मति से सहमत थे, लेकिन न्यायमूर्ति के एम जोसेफ को न्यायमूर्ति कुमार के नाम पर आपत्ति थी.

इन न्यायाधीशों के शामिल होने के बाद न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सोनिया गिरिधर गोकानी को क्रमश: इलाहाबाद और गुजरात उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाएगा. दोनों अपने-अपने उच्च न्यायालयों में वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. 16 अप्रैल, 1961 को जन्मे न्यायमूर्ति बिंदल इस साल अप्रैल में 62 साल की उम्र पूरी होने पर सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन अब उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत होने के बाद वह तीन और साल तक कार्य करेंगे.

जानें क्या है अदालतों के जजों की सेवानिवृत्त उम्र सीमा
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 साल की उम्र में और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं. न्यायमूर्ति अरविंद कुमार का जन्म 14 जुलाई, 1962 को हुआ है और वह इस साल जुलाई में 61 साल के हो जाएंगे.

इस सप्ताह की शुरुआत में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीवी संजय कुमार, पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज मिश्रा ने पिछले शनिवार को पदोन्नत होने के बाद उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.

इसे भी पढ़ें- लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति पर कौन डाल रहा दबाव? कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़