मैला ढोने वालों में 97 प्रतिशत लोग सिर्फ इस 'जाति समूह' के, हैरान करते हैं आंकड़े

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा कि इनमें से 42,594 अनुसूचित जातियों से हैं जबकि 421 अनुसूचित जनजाति से हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 1, 2021, 04:36 PM IST
  • सर्वेक्षण में हुआ बड़ा खुलासा
  • मात्र 351 लोग अन्य श्रेणियों से
मैला ढोने वालों में 97 प्रतिशत लोग सिर्फ इस 'जाति समूह' के, हैरान करते हैं आंकड़े

नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को कहा कि सरकार की ओर से सिर पर मैला ढोने वालों (मैनुअल स्केवेंजर) की धर्म और जाति को लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है. 

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न सर्वेक्षणों के तहत किए गए पहचान के मुताबिक देश भर में ऐसे लोगों की कुल संख्या 43,797 है. 

सर्वेक्षण में हुआ बड़ा खुलासा

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि इनमें से 42,594 अनुसूचित जातियों से हैं जबकि 421 अनुसूचित जनजाति से हैं. 

उन्होंने कहा, ‘‘सिर पर मैला ढोने वालों के धर्म और जाति को लेकर सरकार की ओर से कोई ‘विशिष्ट अध्ययन’ नहीं किया गया है. 

हालांकि इनकी पहचान करने के लिए मैनुअल स्केवेंजर अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण किए गए हैं. 

मात्र 351 लोग अन्य श्रेणियों से 

इन सर्वेक्षणों के दौरान मैला ढोने वालों की पहचान की गई है.’’ 

अठावले ने कहा कि पहचानशुदा मैला ढोने वालों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार 43,797 मैला ढोने वालों की जाति से संबंधित आंकड़े उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैला ढोने वाले 43,797 लोगों में 42,594 अनुसूचित जातियों से हैं जबकि 421 अनुसूचित जनजाति से हैं. कुल 431 लोग अन्य पिछड़े वर्ग से हैं जबकि 351 अन्य श्रेणियों से हैं.’’ 

यह भी पढ़िए: UPTET पेपर लीक: STF की बड़ी कार्रवाई, ये बड़ा अधिकारी गिरफ्तार हुआ

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़