राम मंदिर निर्माण से पहले 'मजहबी पॉलिटिक्स' के ठेकेदारों को लगने लगी 'मिर्ची'

मजहब के नाम पर अपने राजनीति की दुकान चमकाने वाले नेताओं को राम मंदिर निर्माण से पहले 'सीने में दर्द' उठने लगा है. पहले शरद पवार और अब कौम के नाम पर लोगों को बांटने वाली पार्टी AIMIM के अध्यक्ष ओवैसी की तकलीफ जगजाहिर हो गई है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Feb 20, 2020, 07:11 PM IST
    1. मजहबी पॉलिटिक्स के 'ठेकेदार' बन गए हैं ओवैसी
    2. राम मंदिर निर्माण से पहले ओवैसी को लगने लगी 'मिर्ची'
    3. ओवैसी ने महंत नृत्य गोपाल दास को अपराधी बताया
    4. नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाने पर सवाल उठाया
राम मंदिर निर्माण से पहले 'मजहबी पॉलिटिक्स' के ठेकेदारों को लगने लगी 'मिर्ची'

नई दिल्ली: अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण से पहले विवाद शुरू हो गया है. 'मजहबी पॉलिटिक्स' पर अपनी दुकान चलाने वाले नेताओं को मिर्ची लगनी शुरू हो गई. है, पहले शरद पवार का दर्द छलका को अब मुसलमानों को दंगा के लिए भड़काने वाली पार्टी के चीफ ओवैसी भी अपनी छाती पीटने लगे.

ओवैसी को क्यों हो रही है तकलीफ?

असदुद्दीन ओवैसी ने महंत नृत्य गोपाल दास को अपराधी बताकर उनको ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाने पर सवाल उठाया है. महंत नृत्य गोपाल दास को राम जन्मभूमि ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाने का विरोध करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने तंज कसा है. दंगा भड़काने की कोशिश करने वाली पार्टी के लीडर ने अपना दर्द जाहिर किया है.

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को राष्ट्रीय शर्म बताया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया जिसका सरकार ने गठन किया. इस ट्रस्ट का अध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को बनाया गया है, जिस पर बाबरी मस्जिद को गिराने का आरोप है. न्यू इंडिया में आपका स्वागत है, जहां आपराधिक कृत्यों को सम्मानित किया जाता है.'

'मस्जिद बनाने के लिए ट्रस्ट क्यों नहीं बनाया?'

वहीं NCP चीफ शरद पवार ने सवाल उठाया है कि मस्जिद बनाने के लिए ट्रस्ट क्यों नहीं बनाया गया. राम मंदिर निर्माण को लेकर जिनके सीने में दर्द होना शुरु हुआ है, उसमें सिर्फ ओवैसी इकलौते नहीं हैं, कतार बड़ी लंबी है. NCP प्रमुख शरद पवार ने भी इस मामले पर अपनी तकलीफ बयां की थी. जिसके बाद से "मजहबी युद्ध" छिड़ गया है. लेकिन इन नेताओं की दलील से ये समझना मुश्किल है कि क्या ये सभी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को अबतक स्वीकार नहीं कर पाए हैं, जो अयोध्या के राम मंदिर मामले पर आया है?

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वहीं अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नृत्य गोपाल दास ने कहा है मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होगा. ट्रस्ट के मुताकि मार्च तक मंदिर निर्माण की तारीख तय हो जाएगी. जबकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी कहा है कि 'मार्च में मंदिर निर्माण की तारीख तय हो जाएगी.'

ट्रस्ट ने साधु संतों की नाराजगी से भी इंकार किया है. आपको बता दें, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने इस विवाद पर कहा है कि 'SC न मस्जिद के लिए नहीं बोला तो सरकार क्यों बनाएगी?'

मुसलमानों को भड़काएंगे, हिंदुओं को डराएंगे?

मजहबी पॉलिटिक्स पर अपनी दुकान चलाने वाले ओवैसी का दर्द तो सामने आ गया. लेकिन वो अपने गिरेबां में झांक कर नहीं देख पाते कि उनके नेता कैसे उनके ही आंखों के सामने देश में हिन्दू-मुस्लिम दंगा भड़काने वाला बयान देते हैं. तो क्या ये माना जाए कि ओवैसी इसमें यकीन रखते हैं कि मुसलमानों को भड़काएंगे, हिंदुओं को डराएंगे और राम मंदिर पर अपना दर्द सुनाएंगे?

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