लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी 'महासम्मेलन' में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने देश को भगवान बुद्ध का रास्ता अपनाने की सलाह दी है. 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इस सम्मेलन का लक्ष्य कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य समुदाय को अपने साथ जोड़ने पर रहा.
अखिलेश यादव ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले मैं प्रधानमंत्री के भाषण को सुन रहा था जिसमें देश को विकसित बनाने का संकल्प लिया जा रहा था. सपा मुखिया ने कहा- मैं कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य लोगों से कह सकता हूं कि जो लाल किले से विकसित देश बनाने की बात और संकल्प दोहरा रहे थे वे केवल भगवान बुद्ध का रास्ता अपना लें तो भारत अपने आप विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा दिखाई देगा.
बोले- मेरे साथ भगवान बुद्ध के मानने वाले लोग
उन्होंने कहा,- मैं यहां जिन लोगों को देख रहा हूं वे तथागत भगवान बुद्ध को मानने वाले लोग हैं. मेरे सामने मंच पर और आसपास दिखाई दे रहे लोग चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, चक्रवर्ती सम्राट अशोक के वंशज हैं.'
जातीय जनगणना का किया जिक्र
उन्होंने सामाजिक न्याय की लड़ाई लंबी होने का दावा करते हुए कहा कि जातीय जनगणना उसकी अगली कड़ी है. साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि हम लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा- हम समाजवादी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो, और सभी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में हक और सम्मान मिले, लेकिन जिनकी संख्या आबादी में बहुत कम है वही जातीय जनगणना नहीं होने देना चाहते हैं.'
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