Ground रिपोर्ट: अपने गढ़ अमेठी में कांग्रेस लड़ाई से गायब, सपा-बीजेपी में है सीधी टक्कर

इस सीट पर कांग्रेस ने ब्राह्मण वर्ग के प्रत्याशी पर भरोसा जताया है, इसकी वजह है कि ये सीट ब्राह्मण बाहुल्य है. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी आशीष शुक्ला इससे पहले तीन चुनाव लड़कर हार चुके हैं, इसलिए वह लोगों से इसे अपना आखिरी चुनाव बताकर समर्थन मांग रहे हैं. शुक्ला अपने परिवार सहित घर घर जाकर वोट मांगते रहे हैं लेकिन अमेठी निवासी पूजा कहती हैं कि कांग्रेस रेस से बाहर है. उनका कहना है कि लड़ाई BJP और सपा के बीच दिख रही है जिस वजह से कांग्रेस वोटर भी धीरे-धीरे खिसक रहा है, कोई अपना मत बर्बाद नहीं करना चाहता है.

Written by - Shivam Pratap | Last Updated : Feb 26, 2022, 09:39 PM IST
  • अमेठी में सपा और बीजेपी में है सीधी टक्कर.
  • अपने गढ़ में लड़ाई से बाहर दिख रही कांग्रेस.
Ground रिपोर्ट: अपने गढ़ अमेठी में कांग्रेस लड़ाई से गायब, सपा-बीजेपी में है सीधी टक्कर

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 4 चरणों का मतदान हो चुका है और कल यानी 27 फरवरी को पांचवे चरण का मतदान होगा. इस चरण में 12 जिलों की 61 विधानसभा पर मतदान होगा जिसके जरिए 693 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. रविवार को राज्य के 12 जिलों में मतदान होना है और इसमें अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बेंराइच, श्रावस्ती और गोंडा शामिल है. राज्य में हो रहे चुनाव के पांचवें चरण में 61 सीटों में से 13 सीटें आरक्षित हैं. मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा.

पांचवें चरण में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या से लेकर कुंभनगरी प्रयागराज और चित्रकूट जैसे धार्मिक नगरी, जबकि गांधी परिवार के सियासी गढ़ अमेठी, रायबरेली और सुल्तानपुर में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सियासी संग्राम होने जा रहा है. अमेठी विधानसभा सीट (186) जिले की 5 विधानसभा सीटों में एक है. अमेठी लोकसभा सीट को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों ने इस मिथक को तोड़ दिया और भाजपा की ओर से स्मृति जुबिन ईरानी को यहां जीत मिली. फिलहाल, अमेठी विधानसभा से गरिमा सिंह BJP विधायक हैं. गरिमा सिंह, वर्तमान BJP प्रत्याशी और कांग्रेस के पूर्व सदस्य रहे राजा संजय सिंह की पत्नी हैं. 

पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं संजय सिंह
BJP के प्रत्याशी अमेठी के राजा डॉ. संजय सिंह गांधी-नेहरू परिवार के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. आर्टिकल 370 के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और राज्य सभा से इस्तीफा देने वाले, अमेठी को कांग्रेस का गढ़ बनाने का रोडमैप तैयार करने वाले संजय सिंह पिछले 33 सालों में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. गौरतलब है कि संजय सिंह के पिता रणंजय सिंह ने आजादी के बाद यहां से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पहला चुनाव जीता था, उन्होंने बाद में जनसंघ (1969) और कांग्रेस के टिकट (1974) पर चुनाव जीता. संजय सिंह दावा ठोकते हैं कि अमेठी उनकी मातृभूमि है, गांधी परिवार को लाने और स्थापित करने वाले हम ही हैं. CM योगी का हिंदुत्व, कानून व्यवस्था और पारिवारिक सम्मान संजय सिंह के पक्ष में है.

समाजवादी पार्टी और बीजेपी में हैं सीधी टक्कर
BJP की टक्कर सीधे तौर पर सपा से दिखती है. अमेठी में घुसते ही दाहिने हाथ पर पेट्रोल पंप के बगल वाले चाय की दुकान पर बैठक जमी है. यहां के चुनावी हाल पर जब एक बुजुर्ग बाबूलाल से पूछा तो उन्होंने कहा कि लड़ाई तो भाजपा और सपा के बीच है. हालांकि पास में ही बैठे अमन कहते हैं कि योगी जी को सीएम बनाना है तो डॉक्टर साहब को जिताना है. हालांकि यहां के नरेंद्र सिंह का मानना है कि संजय सिंह की प्रतिष्ठा वाली बात है इसलिए चुनाव में तो उनका ही समर्थन करेंगे. इस सीट पर ब्राह्मण 75 हजार, क्षत्रिय 60 हजार, अन्य ओबीसी 65 हजार जबकि वैश्य 15 हजार हैं.

गायत्री प्रजापति की पत्नी हैं सपा उम्मीदवार
सपा ने यहां से अखिलेश सरकार में मंत्री रहे और बलात्कार के मामले में जेल में बंद रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी प्रजापति को चुनावी लड़ाई में उतारा है. महाराजी जगह-जगह अपने पति के लिए न्याय की अपील करते हुए भावुक हो जाती हैं. वो कहती हैं कि सरकार ने उन्हें फंसाया है. अमेठी के आम लोगों में धारणा है कि इस समय भाजपा को सिर्फ सपा हरा सकती है. ऐसे में महाराजी को पार्टी वोटर और सजातीय मतों से बहुत उम्मीद है. 

दलित, यादव, ओबीसी वोटों का गणित
इस सीट पर SC वर्ग 65 हजार है, यादव 30 हजार, OBC 65 हजार और मुस्लिम मतदाता 25 हजार के आसपास है. अमेठी में आगे बढ़ते हुए एक तिराहे पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बड़ी प्रतिमा लगी है, वहीं पर फूल सिंह और बालकराम से मुलाकात हुई तो उनका कहना है कि यहां से सपा जीत रही है, इसके पीछे वो 5 साल में अमेठी की दुर्दशा और स्थानीय मुद्दों में लगातार सरकार की अनदेखी को बताते हैं. उनके साथ ही पास में खड़े और सब्जी बेच रहे गौरव का कहना है कि प्रजापति के यहां कोई समस्या हो तो मिल तो सकते हैं, राजा साहब के पास पहुंचना भी मुश्किल है लेकिन जीतेंगे राजा साहब ही.

क्या है कांग्रेस प्रत्याशी की हालत
इस सीट पर कांग्रेस ने ब्राह्मण वर्ग के प्रत्याशी पर भरोसा जताया है, इसकी वजह है कि ये सीट ब्राह्मण बाहुल्य है. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी आशीष शुक्ला इससे पहले तीन चुनाव लड़कर हार चुके हैं, इसलिए वह लोगों से से इसे अपना आखिरी चुनाव बताकर समर्थन मांग रहे हैं. शुक्ला परिवार सहित घर घर जाकर वोट मांगते रहे हैं लेकिन अमेठी निवासी पूजा कहती हैं कि कांग्रेस रेस से बाहर है. उनका कहना है कि लड़ाई BJP और सपा के बीच दिख रही है जिस वजह से कांग्रेस वोटर भी धीरे-धीरे खिसक रहा है, कोई अपना मत बर्बाद नहीं करना चाहता है.

अमेठी में ही जब शिप्रा जनरल स्टोर की संचालक भगवती देवी से चुनावी चर्चा की तो उनका कहना था कि यहां के लोग जिले की दुर्दशा से बेहत दुखी हैं ऐसे में उन्हें PM मोदी और CM योगी में विकास की आस दिखती है. वो कहती हैं कि कई वर्षों बाद ऐसा हुआ है जब मुख्यमंत्री पर अपने परिवार को आगे बढ़ाने, भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. भगवती आगे कहती हैं कि कि कोविड वैक्सीन ने कोरोना से लड़ने की ताकत बढ़ा दी है. इसी के कारण आज दुकानें खुली हैं, व्यापार खुला है, स्कूल-कॉलेज खुले हैं.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

ट्रेंडिंग न्यूज़