Amnesty International India ने भारत में बंद किया कामकाज, जानिए वजह

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने भारत में कामकाज बंद किया. सरकार पर बेवजह पीछे पड़ने का आरोप लगाया. बता दें Amnesty International ने FCRA कानून विदेशी फंडिंग पर तोड़ा था..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 29, 2020, 03:55 PM IST
  • एमनेस्टी को चाहिए 'कानून' से छूट!
  • पीछे पड़ने की बात कहकर छोड़ा भारत
  • एमनेस्टी इंटरेशनल के करतूतों का हिसाब
Amnesty International India ने भारत में बंद किया कामकाज, जानिए वजह

नई दिल्ली: एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया (Amnesty International India) ने भारत में अपना कामकाज रोकने का ऐलान किया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार हमें जानबूझ कर निशाना बना रही है.

कानून को ताक पर रखने वाले संस्था की सफाई

मानवाधिकार के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाली एमनेस्टी ने अपने बयान में ये भी कहा है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के बैंक खातों को फ्रीज़ किया गया है. एमनेस्टी का कहना है कि 2 साल से सरकार उनके के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. निष्पक्ष आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की दलीलें

  • 'एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने सभी कानूनों का पालन किया'
  • दिल्ली दंगों, जम्मू कश्मीर पर बोलने की सज़ा मिली- एमनेस्टी
  • हम भारत में अभियान, रिसर्च को रोकने पर मजबूर- एमनेस्टी

एमनेस्टी (Amnesty) का आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) समेत सरकारी एजेंसियां लगातार परेशान कर रही हैं. दिल्ली दंगों और जम्मू-कश्मीर पर बोलने की सजा दी जा रही है.

Amnesty की करतूतों का हो रहा था हिसाब

बता दें, एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच हो रही थी, विदेश फंड हासिल करने में अनियमितता का आरोप है. जिसे लेकर एमनेस्टी के दफ्तर पर प्रवर्तन निदेशालय ने रेड डाली थी. सीबीआई ने भी एमनेस्टी के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

प्रवर्तन निदेशालय संस्था के खिलाफ विदेशी फंडिंग हासिल करने में अनियमितताओं के आरोपों के खिलाफ जांच कर रही है. गृह मंत्रालय का आरोप है कि संस्था ने 'भारत में FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) के जरिए पैसे मंगाए', जिसकी नॉन-प्रॉफिट संस्थाओं को अनुमति नहीं है.

2017 में ईडी ने संस्था के अकाउंट फ्रीज़ कर दिए थे, जिसके बाद एमनेस्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और उसे कुछ राहत मिली. लेकिन उसका अकाउंट सील था. पिछले साल सीबीआई ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया. शिकायत में कहा गया कि एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके ने कथित तौर पर मंत्रालय की मंजूरी के बिना FDI के रूप में एमनेस्टी इंडिया की संस्थाओं को 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया था. इसमें कहा गया कि, 'इसके अलावा 26 करोड़ की रकम यूके की संस्थाओं की ओर से  मंत्रालय की मंजूरी के बिना एमनेस्टी (इंडिया) को दी गईं, जिसे भारत में NGO की गतिविधियों पर खर्च किया गया. यह FCRA का उल्लंघन है.'

इसे भी पढ़ें: POK और गिलगित बालटिस्तान पर भारत के कब्जे का समय आ चुका है!

देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप, जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा... नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-

Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN

iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234

ट्रेंडिंग न्यूज़