नई दिल्लीः Atal Bihari Vajpayee Jayanti: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती है. आज ही के दिन यानी 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उनका जन्म हुआ था. आज आपको अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी से जुड़े सवालों के जवाब देते हैं, जिन्हें अक्सर हर कोई जानना चाहता है. यहां आपको अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़े जवाब मि जाएंगे.
कौन थे अटल बिहारी वाजपेयी?
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे. वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने.
वे हिंदी कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे. वह जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे.
वाजपेयी का जन्म कब और कहां हुआ था?
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. उनके पिता ग्वालियर रियासत में शिक्षक थे. वहीं, शिन्दे की छावनी में 25 दिसंबर 1924 को वाजपेयी का जन्म हुआ था. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के मूल निवासी थे.
वाजपेयी की शिक्षा कहां हुई?
वाजपेयी की बीए की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज) में हुई. छात्र जीवन से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे.
कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की. उसके बाद उन्होंने अपने पिताजी के साथ-साथ कानपुर में ही एलएलबी की पढ़ाई शुरू की, लेकिन उसे बीच में छोड़कर पूरी तरह संघ के काम में जुट गए.
अटल का राजनीतिक जीवन कैसा था?
अटल जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे. वह 1968 से 1973 तक उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे. 1952 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. इसके बाद 1957 के लोकसभा चुनाव में यूपी के गोंडा जिले की बलरामपुर सीट से बतौर जनसंघ प्रत्याशी चुनाव जीत हासिल की.
1967 से 1977 तक जनता पार्टी की स्थापना तक वे बीस वर्ष तक लगातार जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे. मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेश में भारत की छवि बनाई.
1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर अलग हो गए और भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की. वाजपेयी 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने. वह दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए.
अटल बिहारी वाजपेयी कब-कब देश के प्रधानमंत्री बने?
अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने. लेकिन, संख्याबल नहीं होने के चलते यह सरकार महज 13 दिन में 1996 को गिर गई. वह 1998 में दोबारा पीएम बने. लेकिन, 13 महीने बाद 1999 की शुरुआत में उनके नेतृत्व वाली सरकार दोबारा गिर गई. इसके बाद 1999 में ही उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी, जिसने सफलतापूर्वक पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.
पीएम के रूप में वाजपेयी ने क्या बड़े काम किए?
वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया था. उन्होंने पाक से संबंध सुधारने के उद्देश्य से 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की थी.
साल 1990 में अटल सरकार के कार्यकाल में करगिल युद्ध में पाक के अवैध कब्जे से भारत भूमि को छुड़ाया. स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, जिसने भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ा, इसकी शुरुआत वाजपेयी के कार्यकाल में हुई. इसके अंतर्गत दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को राजमार्गों से जोड़ा गया.
स्वतंत्रता आंदोलन में वाजपेयी का क्या योगदान था?
ब्रिटिश शासन का विरोध करने के चलते वाजपेयी को किशोरावस्था में कुछ समय के लिए जेल भेजा गया. लेकिन, स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने कोई मुख्य भूमिका अदा नहीं की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से जुड़ने से पहले वाजपेयी कुछ समय तक साम्यवाद के संपर्क में भी आए. बाद में दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़ाव हो गया.
वाजपेयी का व्यक्तिगत जीवन कैसा था?
वाजपेयी ताउम्र अविवाहित रहे. उन्होंने लंबे समय से दोस्त राजकुमारी कौल और बी॰एन॰ कौल की बेटी नमिता भट्टाचार्य को दत्तक पुत्री के रूप में स्वीकार किया.
वाजपेयी के प्रमुख कविताएं कौनसी हैं?
अटल बिहारी वाजपेयी कवि भी थे. मेरी इक्यावन कविताएं उनका प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है. रग-रग हिंदू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान (लोकसभा में वाजपेयी के वक्तव्यों का संग्रह), संसद में तीन दशक, अमर आग है आदि उनकी प्रमुख रचनाएं हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी को कौन-कौनसे पुरस्कार मिले?
वाजपेयी को को 1992 में पद्म विभूषण, 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय से डी लिट की उपाधि मिली थी. 1994 में वाजपेयी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार, 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से नवाजा गया. उनको 2015 में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय जिया लाल बैरवा (देवली) से डी लिट की उपाधि मिली. इसी साल उन्हें बांग्लादेश सरकार की तरफ से 'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवॉर्ड' और भारत सरकार की ओर से देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया गया.
अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु कैसे हुई?
वाजपेयी को साल 2009 में एक दौरा पड़ा था, जिसके बाद वह बोलने में अक्षम हो गए थे. उन्हें 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हो गई.
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