चमोलीः उत्तराखंड से बड़ी घटना सामने आई है. यहां चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूट गया. ग्लेशियर टूटने से यहां बना हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का बांध टूट गया. बांध टूटने से भारी तबाही सामने आई है. कई गांवों में पानी घुस आया है. पानी बहुत तेजी से बह रहा है. इसे बड़ी आपदा के तौर पर देखा जा रहा है. कई लोगों के बहने की आशंका के बीच SDRF की टीम रेस्क्यू कर रही है.
#WATCH | Water level in Dhauliganga river rises suddenly following avalanche near a power project at Raini village in Tapovan area of Chamoli district. #Uttarakhand pic.twitter.com/syiokujhns
— ANI (@ANI) February 7, 2021
चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
Uttarakhand: Chamoli district magistrate has instructed officials to evacuate people living in villages on the bank of Dhauliganga river.
The district magistrate and the superintendent of police have left for the spot.
— ANI (@ANI) February 7, 2021
गांवों में पानी घुसने से लोगों के लिए जीवन का संकट खड़ा हो गया है. आस पास के इलाकों को खाली कराया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, सुबह 10:55 बजे रैनी गांव में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली थी. इसके बाद बचाव के लिए टीम को रवाना किया गया. तबाही की आशंका को देखते हुए पोस्ट गोचर, श्रीनगर, रतूड़ा टीम अलर्ट मोड पर है. कुछ लोगों के बहने की भी बात कही जा रही है.
सामने आ रहा है कि 50 से 75 लोग बह गए हैं. वहीं उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हादसे पर दुख जताया है.
विस्तार है यह मामला
उत्तराखंड के चमोली, जोशीमठ में रविवार को बड़ी तबाही की घटना सामने आई. यहां ग्लेशियर टूटने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और उनके बहाव में भीषण उफान आ गया है. सामने आया है कि ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा और धौली गंगा विनाशक गति से उफनते हुए बह रही हैं और कई गांवों को इनकी धारा ने अपनी चपेट में ले लिया है. गांवों में पानी भर गया है और हरिद्वार तक भारी जलसंकट की आशंका जताई जा रही है. केदारनाथ त्रासदी को ध्यान में रखते हुए अलर्ट जारी है. ऐसे में कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती इलाकों में खास ध्यान रखा जा रहा है. यही नदियों का बहाव रूट है. ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुंची है. इसी के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
कई घरों के बहने की आशंका
हादसे के बाद आशंका जताई जा रही है कि कई घर बह गए हैं. अभी ठीक-ठीक आंकड़े सामने नहीं आए हैं, लेकिन रेस्क्यू की तस्वीरें आ रही हैं. कई लोगों के बहने की भी बात कही जा रही है. इनकी संख्या 50 से 75 तक है, लेकिन प्रशासन की ओर से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है, इसलिए अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें. एसडीआरएफ और फायर की टीम जोशीमठ इलाके के रेणी गांव में पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गई है. चमोली डीएम ने धौलीगंगा नदी के किनारे स्थित गांवों को खाली कराने का आदेश दिया था.
प्रशासन की ओर से सूचना जारी
प्रशासन ने कहा है कि 'जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुंची है,जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है कि अतिशीघ्र सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं'.
सीएम त्रिवेंद्र ने ट्वीट की Helpline
सीएम ने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा है कि चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है. जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं. किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें. सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है.
अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि कोई भी अगर किसी इलाके में फंसा है तो इन नंबर पर ट्वीट करके सहायता जरूर ले. इसके लिए जारी नंबर है. 9557444486 और 1070 पर कॉल करें.
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