नई दिल्ली: राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास समेत ट्रस्ट के सदस्यों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हाल ही में गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक कल हुई थी.
PM मोदी ने ट्रस्टियों के साथ की बैठक
ट्रस्ट के महासचिव विश्व हिंदू परिषद नेता चंपत राय और कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि भी बैठक में मौजूद थे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य एक-दो महीने में शुरू हो जाएगा.
'पीएम मोदी के कार्यकाल में तैयार हो जाएगा राम मंदिर'
उन्होंने आशा जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा प्रधानमंत्री मोदी को शिलान्यास के लिए आमंत्रण दिया जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने विचार करने की बात की.
Delhi: Ayodhya Ram Temple trust board members leave after their meeting with PM Narendra Modi at 7 Lok Kalyan Marg ends pic.twitter.com/dULSUcq4k2
— ANI (@ANI) February 20, 2020
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण से पहले अस्थाई मंदिर के निर्माण का फैसला किया गया है. ताकि श्रीराम के भक्तों को दर्शन में कोई परेशानी न हो.
'रामलला की प्रतिमा को किया जाएगा शिफ्ट'
मंदिर के निर्माण में वक्त लगेगा यही वजह है कि तब तक रामलला की प्रतिमा को पूजा-अर्चना के लिए दूसरी जगह विराजमान किया जाएगा. त्रिपाल से फाइबर के अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा. रामलला गर्भगृह से 150 मीटर दूर बुलेट प्रूफ मंदिर में विराजेंगे. फाइबर के मंदिर में भक्त श्री राम के साथ तीनों भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के भी दर्शन कर सकेंगे. दर्शन मार्ग के घुमाओं को भी कम किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें: राम भक्तों के लिए एक और खुशखबरी, 'ट्रेन से बोलो जय श्री राम'
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है. आज मंदिर निर्माण को लेकर पीएम मोदी का 'ट्रस्ट से संवाद' हुआ. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सभी ट्रस्टियों से पीएम मोदी अपने आवास पर मुलाकात करने पहुंचे थे. बैठक में अयोध्या में मंदिर निर्माण की रूप रेखा को लेकर चर्चा की गई. सभी ट्रस्टियों के नाम की घोषणा के बाद सभी सदस्यों की पीएम के साथ पहली बार मुलाकात हुई.
इसे भी पढ़ें: राम मंदिर निर्माण से पहले 'मजहबी पॉलिटिक्स' के ठेकेदारों को लगने लगी 'मिर्ची'