कौन था अतीक अहमद का गुरु चांद बाबा? बम मार-मारकर पैदा कर देता था खौफ

प्रयागराज में दिनदहाड़े चांद बाबा की हत्या बीच चौराहे पर कर दी गई. चांद बाबा हत्याकांड में अतीक अहमद का नाम सामने आया. इसके बाद से पूरे पूर्वांचल में अतीक के नाम का डंका बजने लगा था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 10, 2023, 05:09 PM IST
  • पूर्वांचल में अतीक अहमद से पहले चांद बाबा का था खौफ
  • पुलिस से लेकर राजनेता तक चांद बाबा से खौफ खाते थे
 कौन था अतीक अहमद का गुरु चांद बाबा? बम मार-मारकर पैदा कर देता था खौफ

नई दिल्ली: यूपी का बाहुबली माफिया डॉन अतीक अहमद अभी गुजरात के साबरमती में जेल में बंद है. हाल ही हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक का नाम चर्चा में आ गया है. अतीक को उमेश की हत्या का मुख्य आरोपी माना जा रहा है. माना जा रहा है कि अतीक के इशारे पर ही उमेश पाल को दिन दहाड़े गोलियां मारी गई. 

इस हमले में उमेश के साथ उसके दो गनर को भी मार दिया गया. उमेश पाल, 2005 में हुए राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था. यह दोनों ही हत्या एक ही मोहल्ले में और एक ही तरह से किया गया. अतीक अहमद पर इससे पहले भी कई संगीन मामलों में रिपोर्ट दर्ज हैं. आइए जानते हैं अतीक अहमद के अपराध की पूरी कहानी.

अतीक अहमद की कहानी
अतीक अहमद की कहानी साल 1979 से शुरु होती है. जब उसका परिवार इलाहाबाद में रहता था. अतीक अहमद हाईस्कूल में फेल हो गया था. जिसके बाद से पढ़ाई से उसका मन हट गया और जल्दी अमीर बनने की चाह ने उसे अपराध की दुनिया में ले आया. इसके बाद वह लूट, रंगदारी और किडनैपिंग जैसे संगीन अपराध में शामिल हुआ था. 

मात्र 17 साल की उम्र में अतीक के सिर पर हत्या का आरोप लगा था. इसके बाद हत्या के कई आरोप लगे. इसमें उसके गुरु चांद बाबा की हत्या भी शामिल है, जिससे पुलिस ही नहीं राजनेता भी खौफ खाते थै.

इलाहाबाद में था चांद बाबा के नाम का खौफ
1980 के दशक में उत्तर प्रदेश माफियाओं का बोलबाला था. मुगलसराय, चंदौली और बनारस के कोयला, सिविल प्रोजेक्ट्स पर माफियाओं का ही कब्जा था. कुछ माफियाओं को वहां के राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों से संरक्षण प्राप्त था. समय के साथ माफिया राजनेताओं से भी मजबूत होने लगे जिसके कारण उनको संरक्षण देने वाले राजनीतिक आका भी उनसे डरने लगे. 

ऐसा ही एक गैंगस्टर था शौक इलाही, जिसको लोग चांद बाबा के नाम से जानते थे. चांद बाबा 1980 के दशक में सौ से अधिक कट्टर अपराधियों की कमान संभाले था. वह अपने विरोधियों पर देसी बम फेंकने के लिए भी कुख्यात था. अतीक अहमद भी चांद बाबा के गिरोह में ही था. बाद में अतीक भी गिरोह के नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा पालने लगा. जब पुलिस चांद बाबा के पीछे पुलिस पड़ी तो अतीक ने अपनी छोटी-छोटी टीम बना ली. 

चांद बाबा की हत्या
अतीक अहमद साल 1989 में राजनीति में आते ही इलाहाबाद के पश्चिमी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया जहां पर उसका मुकाबला चांद बाबा से होता है. उस समय तक अतीक गैंगस्टर्स की दुनिया में काफी नाम हो गया था. अतीक की दहशत की वजह से वह चुनाव जीत गया.  

चुनाव जीतने के कुछ महीनें बाद ही फिल्मी स्टाइल में दिनदाहाड़े चांद बाबा की हत्या कर दी. इस हत्याकांड में अतीक अहमद का नाम सामने आया. इसके बाद पूर्वांचल में अतीक के नाम का डंका बजने लगा. अतीक अहमद के नाम का इतना खौफ था कि कोई भी नेता इलाहाबाद की शहर पश्चिमी सीट से उसके खिलाफ चुनाव लड़ने को कोई तैयार नहीं होता था.

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