कुत्तों की जिस नस्ल ने ओसामा को तलाशा था, तिहाड़ जेल में ड्रग्स और फोन पर होगी उनकी निगाह, गैंगस्टर्स की खैर नहीं

दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक तिहाड़ के भीतर इन कुत्तों की तैनाती गैंगस्टर्स के लिए चेतावनी के रूप में देखी जा रही है. भारीभरकम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद तिहाड़ के भीतर से मोबाइल के इस्तेमाल और ड्रग्स से संबंधित खबरें आती रही हैं.  

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 15, 2022, 07:45 PM IST
  • तिहाड़ में बढ़ेगी सुरक्षा व्यवस्था.
  • गैंगस्टर्स पर विशेष निगरानी व्यवस्था.
कुत्तों की जिस नस्ल ने ओसामा को तलाशा था, तिहाड़ जेल में ड्रग्स और फोन पर होगी उनकी निगाह, गैंगस्टर्स की खैर नहीं

नई दिल्ली. दिल्ली की तिहाड़ जेल में 6 बेल्जियन शेफर्ड प्रशिक्षित कुत्तों की तैनाती की गई है. इन कुत्तों की तैनाती जेल के भीतर ड्रग्स और फोन का पता लगाने के लिए की गई है जो अवैध रूप से जेल परिसर के भीतर पहुंचाए जाते हैं. दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक तिहाड़ के भीतर इन कुत्तों की तैनाती गैंगस्टर्स के लिए चेतावनी के रूप में देखी जा रही है. 

दरअसल भारीभरकम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद तिहाड़ के भीतर से मोबाइल के इस्तेमाल और ड्रग्स से संबंधित खबरें आती रही हैं. अब जेल के भीतर से चलाए जा रहे अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए व्यवस्था और ज्यादा मजबूत की जा रही है.

बेल्जियन शेफर्ड डॉग्स की खूबियां (Qualities of Belgian Shepherd)
बेल्जियन शेफर्ड कुत्तों की उसी नस्ल का हिस्सा है जिसने दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को पकड़वाने में अहम रोल अदा किया था. इन्हीं कुत्तों की पहचान पर अमेरिकी नेवी सील कमांडो की टुकड़ी ने ओसामा बिन लादेन का काम 2011 में तमाम कर दिया था. ओसामा की पहचान बेल्जियन मेलिनोइस कुत्तों ने की थी.  बेल्जियम मूल के बेल्जियन शेफर्ड कुत्तों को दुनियाभर में पुलिस और मिलिट्री के भीतर इस्तेमाल किया जाता है. ड्रग्स की पहचान करने में इन कुत्तों का खूब इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि कुत्तों की इस नस्ल को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस, अमेरिकी सैन्य बल, इजरायली डिफेंस फोर्सेज और ऑस्ट्रेलियन डिफेंस फोर्सेज द्वारा इस्तेमाल किया जाता है.

12 में से 9 कुत्ते बेल्जियन शेफर्ड
न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की जेलों के डीजी संदीप गोयल का कहना है-अब हमारे पास 9 और कुत्ते हैं जो इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा मुहैया करवाए गए हैं. हमारे पास मौजूद कुल 12 में से 9 कुत्ते बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के हैं. इन कुत्तों का इस्तेमाल जेल परिसर के भीतर ड्रग्स, फोन और अन्य ऐसी चीजों को पकड़ने में किया जाएगा जो कैदी बाहर से अवैध रूप से मंगवाते हैं. 

सुकेश चंद्रशेखर के केस में फोन का मामला उठा
बता दें कि फोन, ड्रग्स और पैसों को लेकर दिल्ली की जेलों में कई कुख्यात घटनाएं देखने को मिली हैं. माना जाता है कि बीते वर्षों के दौरान जेल में कुख्यात गैंगस्टर्स ने अपना नेटवर्क जेल में रहकर ही फैलाया. 215 के करोड़ के ठगी मामले में तिहाड़ में बंद सुकेश चंद्रेशेखर के केस में फोन के इस्तेमाल की खबरें सामने आई हैं. 

कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम और सीसीटीवी पर भी फोकस
यही कारण है कि डॉग स्क्वाड को मजबूत करने के अलावा जेल में कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम भी क्रिएट किया जा रहा है. कॉल ब्लॉकिंग के लिए तिहाड़ जेल के भीतर तीन टावर लगाए गए हैं. एक टावर मंडोली जेल में भी लगवाया गया है. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों की संख्या में भी इजाफा किया जा रहा है जिससे कैदियों पर पूरी निगाह रखी जा सके. 

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