गांधीनगरः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली . विजय रूपाणी ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था . राज्य में लगभग सवा साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं . पटेल (59) को रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया था और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज उन्हें यहां आयोजित एक सादे समारोह में राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी .
अमित शाह भी थे मौजूद
भाजपा सूत्रों ने बताया कि राजभवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कुछ भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे . पार्टी के निर्णय के अनुसार, केवल पटेल ने शपथ ली . सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद अगले कुछ दिनों में मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य शपथ लेंगे . राज्यपाल ने रविवार को पटेल को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए न्योता दिया था . देवव्रत ने ट्वीट किया था, ‘‘भाजपा के विधायक दल के नये नेता भूपेंद्रभाई पटेल ने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया . प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उन्हें 13 सितंबर को अपराह्न 2.20 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का न्योता दिया .’’
रुपाणी ने की थी सिफारिश
रविवार को विधायक दल की बैठक में, पटेल के नाम का प्रस्ताव विजय रूपाणी ने रखा था . रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव से लगभग 15 महीने पहले शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों को आश्चर्य हुआ .कोरोना वायरस महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं . उन्होंने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी . उन्होंने इस वर्ष सात अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर पांच वर्ष पूरे किये थे .
पटेल नेता हैं भूपेंद्र
ऐसे में जब दिसंबर 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, भाजपा ने चुनाव में जीत के लिए पटेल पर भरोसा जताया है, जो कि एक पाटीदार हैं . साल 2017 के चुनावों में, भाजपा ने राज्य विधानसभा की 182 में से 99 सीटें जीतीं थी जबकि कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं . गुजरात में पाटीदार एक प्रमुख जाति है . उसकी चुनावी वोटों में से एक एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण होने के साथ ही शिक्षा, रियल्टी और सहकारी क्षेत्रों पर मजबूत पकड़ है .मुख्यमंत्री बनने वाले भूपेंद्र पटेल कडवा पाटीदार हैं और यह भाजपा की इस समुदाय को लुभाने की योजना का हिस्सा है, जिनके बारे में कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि वे पार्टी से दूर हो गए हैं .
अहमदाबाद के रहने वाले हैं भूपेंद्र
अहमदाबाद में जन्मे, पटेल घाटलोडिया सीट से विधायक हैं, जहां से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और अब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विधायक थीं . भूपेंद्र पटेल ने 2017 में 1.17 लाख से अधिक मतों से यह सीट जीती थी, जो उस चुनाव में सबसे अधिक अंतर था . घाटलोडिया गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका प्रतिनिधित्व शाह करते हैं . सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल ने अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में काम किया है . वह पाटीदार संगठन विश्व उमिया फाउंडेशन के ट्रस्टी भी हैं .
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