लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में अब सीएम नीतीश कुमार पर टिकी हैं सबकी निगाहें, क्या होगा अगला कदम?

बिहार की रूलिंग पार्टी जेडीयू को लेकर इस वक्त तमाम तरह की कयासबाजी का दौर जारी है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर सबकी निगाहें लगी हुई हैं.

Written by - IANS | Last Updated : Dec 30, 2023, 10:45 PM IST
  • नीतीश कुमार के अगले कदम पर सबकी निगाहें.
  • 2019 में बीजेपी के साथ लड़ा था नीतीश ने चुनाव.
लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में अब सीएम नीतीश कुमार पर टिकी हैं सबकी निगाहें, क्या होगा अगला कदम?

पटना. बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड को लेकर इस वक्त चर्चाओं और कयासबाजी का दौर तेज है. 2024 चुनाव के लिहाज से बिहार एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिसके भी साथ जाएंगे, उसके लिए बिहार में जीत के दरवाजे खुल जाएंगे. इस वक्त नीतीश बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के साथ यानी इंडिया गठबंधन के साथ हैं. 

एनडीए के लिए चिंता का सबब!
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी स्थिति मं बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए 2024 के लोकसभा चुनाव तक आराम नहीं कर सकता है. इसके पीछे कारण दिया जा रहा है कि इंडिया के नेताओं की योजना है कि तीन राज्यों बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड से एनडीए की 40 से 50 सीटें कम की जाएं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में 18, बिहार में 17 और झारखंड में 12 सीटें जीती थीं.

क्या होगा नीतीश कुमार  के आने से फायदा?
अगर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाते हैं, तो बड़ी संख्या में दलित, महादलित, मुस्लिम, ओबीसी और ईबीसी मतदाता एनडीए को वोट देंगे और बीजेपी के लिए बिहार में अपनी 17 सीटें बरकरार रखना आसान होगा. पार्टी को एहसास है कि अगर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद बिहार में संयुक्त रूप से चुनाव लड़ते हैं, तो वे 2015 के विधानसभा चुनाव का अपना प्रदर्शन दोहरा सकते हैं.

कब पैदा हुए मतभेद?
इससे पहले तक बीजेपी नेताओं ने हमेशा 2019 के लोकसभा चुनाव का जिक्र किया है कि जब उनकी पार्टी ने 17 सीटें, जदयू ने 16 और एलजेपी ने 6 सीटें जीती थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अभियान के कारण जेडीयू की सीटें बढ़ीं. इस चुनाव के बाद ही जेडीयू-बीजेपी के बीच मतभेद पैदा हो गए. कहते हैं कि जेडीयू केंद्र सरकार में एक कैबिनेट और दो राज्य मंत्री विभाग चाहती थी, जबकि, बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं थी.

अब आगे क्या?
बाद में नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों की मदद से सरकार बनाई. कहा जा रहा है कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश विपक्षी गठबंधन के साथ रहे तो बिहार में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की आशंका है. इधर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह से इस्तीफा ले लिया गया है और नीतीश कुमार इस पद पर आसीन हो गए हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें पार्टी को लेकर कोई भी फैसला लेने में आसानी होगी. नीतीश की राजनीति पर  बीजेपी के ओबीसी विंग के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा- नीतीश कुमार एक अप्रत्याशित व्यक्ति हैं, जो आम तौर पर लोगों को आश्चर्यचकित करते हैं. अगर वे ललन सिंह को हटाकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनते तो शायद जेडीयू में फूट पड़ जाती.

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