बीजेपी का आरोप- मांस खाकर दर्शन करने गए कांग्रेस के पूर्व सीएम, छिड़ी मंदिर-मस्जिद की बहस

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को हाल में कोडागु जिले के दौरे के दौरान कथित तौर पर मांसाहार कर मंदिर जाने पर आड़े हाथ लिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सिद्धरमैया ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 22, 2022, 09:07 PM IST
  • बीजेपी ने लगाया गंभीर आरोप
  • सिद्धरमैया ने नहीं दी सफाई
बीजेपी का आरोप- मांस खाकर दर्शन करने गए कांग्रेस के पूर्व सीएम, छिड़ी मंदिर-मस्जिद की बहस

नई दिल्लीः कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया को हाल में कोडागु जिले के दौरे के दौरान कथित तौर पर मांसाहार कर मंदिर जाने पर आड़े हाथ लिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सिद्धरमैया ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. 

इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पूरे प्रकरण को कोई खास तव्वजो नहीं देते हुए अपने खाने का चुनाव करने के अधिकार पर जोर दिया. सिद्धरमैया ने सवाल किया कि क्या भगवान ने मंदिर आने के लिए कोई भोजन तय किया है. 

सिद्धरमैया ने नहीं दी सफाई
हालांकि, उन्होंने कोडागु जिले में मंदिर जाने से पहले किए गए भोजन के बारे में कोई सफाई नहीं दी है. खबरों के मुताबिक, सिद्धरमैया मांसाहार करके कोडलीपेट स्थित बसावेश्वर मंदिर गए थे, जिसको लेकर विवाद हो गया है. वरिष्ठ भाजपा विधायक बसनगौडा पाटिल यतनाल ने कहा कि अगर कोई मंदिर जाता है तो उसे स्थानीय परंपरा का अनुपालन करना चाहिए और भक्तों की आस्था का सम्मान करना चाहिए. 

बीजेपी ने लगाया गंभीर आरोप
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, ‘सिद्धरमैया या किसी और को श्रद्धालुओं की भावना को आहत नहीं करना चाहिए. अगर आपमें (सिद्धरमैया में) साहस है तो सुअर का मांस खाकर मस्जिद जाकर दिखाएं.’ सिद्धरमैया पर लोगों की भावना आहत करने का आरोप लगाते हुए मैसुरु-कोडागु सीट से सांसद प्रतापम सिम्हा ने पूर्व की घटना को रेखांकित किया, जिसके मुताबिक तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मैसुरु की कुलदेवी चामुंडेश्वरी को दशहरे के समय ‘जम्बू सवारी’ के दौरान पारंपरिक पुष्पांजलि कथित तौर पर मांसाहार करके अर्पित की थी. 

तुष्टिकरण की राजनीति का लगाया आरोप
सिम्हा ने कहा, ‘उन्होंने यह वर्ष 2017 में भी किया था, मैं उसका गवाह हूं इसलिए वह सत्ता से बेदखल हो गए और अगले साल पुष्पांजलि अर्पित नहीं कर पाए.’ उन्होंने सिद्धरमैया को ‘सिद्धु सुल्तान’ कहकर संबोधित किया और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. 

'धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हैं दक्षिण भारत में लोग'
कर्नाटक प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष वी वाई विजयेंद्र ने सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को अपने खाने का चुनाव करने की आजादी हो सकती है, लेकिन दक्षिणी राज्य में संस्कृति और परंपरा है और लोग ऐसी धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हैं और उनका अनुपालन करते हैं. 

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया ने रविवार को कहा था कि वह मांसाहारी हैं और यह उनके खाने की आदत है. उन्होंने सवाल किया कि क्या भगवान ने तय किया है कि क्या खाकर और क्या नहीं खाकर मंदिर आना चाहिए. 

'सिद्धरमैया ने नहीं किया था मांसाहार'
इस बीच, भाजपा के हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विधान पार्षद और कोडागु से कांग्रेस नेता वीणा अच्चइया ने कहा कि सिद्धरमैया जिस दिन मंदिर गए थे, उस दिन उन्होंने मांसाहार नहीं किया था. उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि चिकन करी थी लेकिन सिद्धरमैया ने कुर्ग का विशेष व्यंजन बैम्बू शूट करी और अक्की रोटी खायी थी.’ 

सिद्धरमैया के बचाव में आए उनके बेटे और कांग्रेस विधायक यतिंद्र सिद्धरमैया ने कहा कि भाजपा बेवजह का मुद्दा बना रही है और उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना भोजन चुनने का अधिकार है.

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