नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन (अधिनियम) 2019 देश में किसी भी वक्त लागू हो सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मार्च महीने के पहले सप्ताह में इसकी अधिसूचना जारी की जा सकती है. इस विधेयक की अधिसूचना जारी होने के साथ अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से गैर-मुस्लिम लोगों के भारत आने का रास्ता आसान हो जाएगा. CAA को भारतीय संसद द्वारा दिसंबर 2019 में पारित किया गया था. CAA और NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स-National Register of Citizens) को लेकर देश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे.
अमित शाह ने कहा था- चुनाव से पहले लागू होगा
हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि किसी को कोई कन्फ्यूजन नहीं रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कानून 2019 में पारित हुआ था. इसके संबंध में नियम जारी करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले ही इसे लागू किया जाएगा. सीएए देश का कानून है. इसकी अधिसूचना निश्चित रूप से हो जाएगी. लोकसभा चुनाव से पहले CAA अमल में आ जाएगा और इसे लेकर किसी तरह का कोई भ्रम नहीं रखना है.
हुए थे जबरदस्त प्रदर्शन
सीएए के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत असम से हुई थी और फिर यह धीरे-धीरे दिल्ली, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में में फैल गया था. सीएए के जरिए हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ऐसे ईसाई लोगों की नागरिकता का रास्ता आसान हो जाएगा जो 2014 के पहले भारत में आए थे. इसका आधार धार्मिक प्रताड़ना को बनाया गया था. इस बिल में मुस्लिमों का जिक्र नहीं किया गया था. इसके अलावा श्रीलंका से आने वाले तमिल, म्यांमार से रोहिंग्या और तिब्बती शरणार्थियों का जिक्र भी नहीं था.
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