नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भारत में हर दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही सक्रिय मामलों की संख्या में भुत तेजी से गिरावट आ रही है.
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है, लेकिन इन राज्यों में सक्रिय मामलों की संख्या बहुत तेजी से घटी है.
वहीं एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अभी भी हमें कोविड प्रोटोकॉल के बेहतरी से पालन पर अधिक जोर देना चाहिए, क्योंकि देश में सेकेंडरी इंफेक्शन जैसे बैक्टीरिया अथवा फंगस के कारण मौतों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.
कोरोना वायरस के आगमन के बाद बढ़े म्यूकरमाइकोसिस के मामले
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया, 'म्यूकरमाइकोसिस का वायरस मिट्टी, हवा और यहां तक कि भोजन में भी पाया जाता है. लेकिन यह वायरस काफी कम विषैला होता है.
कोरोना महामारी के आने से पहले इसके संक्रमण के मामले काफी कम थे, लेकिन कोरोना वायरस के आने बाद इसके मामलों में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि म्यूकरमाइकोसिस संक्रमण के तेजी से बढ़ने का एक बड़ा कारण देश में कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड का दुरुपयोग है.
As COVID-19 cases are increasing, it's of paramount importance that we follow protocols of infection control practices at hospitals. It is been seen that secondary infections -- fungal & bacterial -- are causing more mortality: AIIMS Director Randeep Guleria pic.twitter.com/xQ85pKFTNO
— ANI (@ANI) May 15, 2021
उन्होंने बताया, 'मधुमेह, कोविड पॉजिटिव और स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों में फंगल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमन को रोकने के लिए हमें सबसे पहले स्टेरॉयड के दुरुपयोग पर रोक लगानी चाहिए.'
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फेफड़ों तक को प्रभावित कर सकता है म्यूकरमाइकोसिस
डॉ गुलेरिया ने यह भी बताया कि अभी एम्स में फंगल संक्रमण से जूझ रहे 23 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 20 अभी भी कोविड पॉजिटिव हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कई राज्यों में अभी फंगल संक्रमण के 500 से भी ज्यादा मामले हैं.
Mucormycosis spores are found in soil, air & even in food. But they're of low virulence & usually don't causes infection. There were very few cases of this infection before COVID. Now a large number of cases are being reported due to COVID: AIIMS Director pic.twitter.com/FE7sFtuO68
— ANI (@ANI) May 15, 2021
म्यूकरमाइकोसिस संक्रमण मरीज के चेहरे, नाक, आंख के ऑर्बिट और दिमाग को प्रभावित कर सकता है. जिसके कारण मरीज की देखने की क्षमता भी जा सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि यह संक्रमण मरीज के फेफड़ों तक भी फैल सकता है.
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