सत्यपाल मलिक की मुश्किलें बढ़ी! भ्रष्टाचार के मामले घर पहुंची CBI

‘बीमा घोटाले’ के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. भ्रष्टाचार के मामले में सत्यपाल मलिक के घर सीबीआई पहुंची है. बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारियां समाप्त होने के बाद पिछले साल अक्टूबर में मलिक से पूछताछ की गई थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 28, 2023, 02:26 PM IST
  • भ्रष्टाचार के मामले में सत्यपाल मलिक के घर पहुंची सीबीआई
  • प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने दर्ज किया है मामला
सत्यपाल मलिक की मुश्किलें बढ़ी! भ्रष्टाचार के मामले घर पहुंची CBI

नई दिल्ली: सीबीआई की एक टीम शुक्रवार को 60 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार मामले में और जानकारी हासिल करने के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आवास आरकेपुरम पहुंची. सूत्रों ने बताया कि टीम ने भ्रष्टाचार के उनके दावों पर स्पष्टीकरण मांगा है.

सीबीआई की रडार पर सत्यपाल मलिक
मामला एक स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ा है, जिसे कथित तौर पर आगे बढ़ाने के लिए कहा गया था. मलिक ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी. पिछले साल सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था और छह राज्यों में छापेमारी की थी.

23 मार्च, 2022 को डॉ. मोहम्मद उस्मान खान, जेकेएएस, उप सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, जम्मू-कश्मीर सरकार का एक पत्र रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड को जम्मू-कश्मीर सरकारी कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने में कदाचार के मामले में प्राप्त हुआ था. .

सीबीआई स्रोत ने कहा,आरोपों ने प्रथमदृष्टया खुलासा किया कि ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोक सेवकों के साथ साजिश और मिलीभगत से जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके यह अपराध किया है. प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया.

जानिए क्या है पूरा मामला
खबरों के अनुसार, मलिक ने 31 अगस्त, 2018 को राज्य की प्रशासनिक परिषद की एक बैठक में इस योजना को मंजूरी दी थी. बाद में योजना को समाप्त कर दिया गया. एक प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है, 'जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए ट्रिनिटी रि-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और कुछ अज्ञात लोक सेवकों तथा निजी लोगों के साथ मिलीभगत कर आपराधिक षड्यंत्र रचा और आपराधिक कदाचार किया.'

दूसरी प्राथमिकी कीरू जलविद्युत परियोजना के सिविल कामकाज के ठेके देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है. सीबीआई का आरोप है कि ठेके देने में ई-निविदा से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया.
(इनपुट- आईएएनएस)

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