CM बनने से पहले ही चंद्रबाबू का बड़ा ऐलान, अब आंध्र में होगी केवल एक राजधानी, जगन ने बनाई थी 3

जगन मोहन की सरकार में विशाखापत्तनम को राज्य की प्रशासनिक राजधानी, करनूल को न्यायिक राजधानी और अमरावती को विधायिका संबंधी राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 11, 2024, 05:35 PM IST
  • नायडू ने दिए बड़े संकेत.
  • अमरावती ही होगी राजधानी.
CM बनने से पहले ही चंद्रबाबू का बड़ा ऐलान, अब आंध्र में होगी केवल एक राजधानी, जगन ने बनाई थी 3

अमरावती. आंध्र प्रदेश में सीएम पद की शपथ लेने से पहले चंद्रबाबू नायडू ने बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी घोषित किया. NDA के विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार तीन राजधानियों के नाम पर राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करेगी और अमरावती को राजधानी के रूप में विकसित करने का काम जारी रखेगी.

जगन विकसित कर रहे थे तीन राजधानी
दरअसल आंध्र में जगन मोहन सरकार ने राज्य में तीन राजधानियां घोषित की थीं जबकि चंद्रबाबू का सपना अमरावती को राजधानी के तौर पर विकसित करने का था.अब चंद्रबाबू ने कहा है- राज्य से तेलंगाना के अलग होने के 10 साल बाद भी हम यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि राज्य की राजधानी कहां है.
जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने के टीडीपी सरकार के निर्णय को 2019 में पलट दिया था और कहा था कि राज्य की तीन राजधानियां होंगी.

जगन की सरकार में विशाखापत्तनम को राज्य की प्रशासनिक राजधानी, करनूल को न्यायिक राजधानी और अमरावती को विधायिका संबंधी राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. अब नायडू ने कहा-अमरावती ही हमारी राजधानी है.नायडू ने कहा कि विशाखापत्तनम को एक आधुनिक शहर और वित्तीय राजधानी के रूप में, तथा करनूल को हर मामले में विकसित किया जाएगा.

शपथग्रहण में शामिल होंगे पीएम मोदी
इस बीच नायडू ने यह जानकारी भी दी है कि राज्य के शपथग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के नेता शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए केंद्र की मदद की जरूरत है. नायडू ने साफ किया कि उनकी सरकार 'जनता की सरकार' होगी और प्रजा वेदिका की तरह कोई विध्वंस नहीं होगा. प्रजा वेदिका नाम से एक मीटिंग हॉल नायडू के शासनकाल में बनाया गया था जिसे पिछली सरकार ने गिरा दिया था.

नायडू ने कहा- हमने 93 प्रतिशत सीटें जीती हैं. देश में पहली बार ऐसा हुआ है.राज्य पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. सभी वर्ग के लोग परेशान हैं. किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है.मुख्यमंत्री भी आम इंसान है. यह पद सेवा के लिए है, प्रभुत्व के लिए नहीं. मैंने कह दिया है कि मेरे काफिले के जाने से लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.

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