लखनऊ: कोरोना संकट के इस विकराल काल में देश की सबसे अधिक सेवा डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों ने की है. इन महा योद्धाओं की संकल्पशक्ति और समर्पण की सराहना पूरे देश ने की. इन सब कर्मयोद्धाओं के बीच कुछ पुलिसवाले ऐसे भी हैं जो पुलिस की वर्दी को शर्मसार करते हैं. ऐसा करने वाले प्रयागराज के घूरपुर के दरोगा को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. कोरोना संकट के दौर में उत्तरप्रदेश समेत सभी राज्यों के मजदूरों, गरीबों और वंचितों को अपना पेट पालने के लिए कोई न कोई छोटा काम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. सब्जी मंडी में सब्जी बेचने वाले गरीबों की सब्जियां इस दरोगा ने अपनी गाड़ी से कुचल डालीं.
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि दारोगा सुमित आनन्द प्रयागराज के घूरपुर की साप्ताहिक सब्जी मंडी में कोरोनाकाल में सोशल डिस्टेनसिंग का हाल जानने पहुंचे थे. वहां पर उन्होंने भीड़ देखी तो गुस्से में आ गए और उन्होंने ये नहीं देखा कि जिस पर वे इतना आगबबूला हैं उनकी सब्जियों को नष्ट करने से क्या फायदा. साथ ही उन गरीबों और किसानों के साथ ये भीषण अन्याय होगा. उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी से किसानों की लाखों रुपये की सब्जियों को रौंद डाला. इस घटना का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. यह वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
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सीएम योगी ने की त्वरित कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ये वायरल वीडियो पहुंच गया और उन्होंने तत्काल दरोगा को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया. वीडियो को गंभीरता से लेते हुए सीएम योगी ने दारोगा को तत्काल सस्पेंड करने और पीड़ित किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दे दिए. सीएम के निर्देश पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने आरोपी दारोगा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है.
11 किसानों को दिया गया मुआवजा
जिन 11 किसानों की सब्जियों को दबंगई दिखाते हुए दरोगा ने गाड़ी से कुचल दिया था उन लोगों को मुआवजा उस दरोगा के वेतन से ही दिया जाएगा. जिला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर मुआवजा दे रहे हैं. अन्य किसानों को भी चिह्नित किया जा रहा है, जिन्हें उनके नुकसान के मुताबिक मुआवजा दिया जाएगा.
एसएसपी ने कहा है कि इसकी भरपाई दारोगा के वेतन से की जाएगी. उन्होंने विभागीय कार्रवाई के भी आदेश देने की जानकारी दी और बताया कि दारोगा को जनपद में न रखने की संस्तुति भी विभाग के बड़े अधिकारियों से की गई है. उल्लेखनीय है कि इस घटना पर योगी आदित्यनाथ ने जो कठोर कार्रवाई की है उससे ये साफ हो जाता है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में वे कितने सजग, संवेदनशील और समर्पित हैं.