लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के ट्विटर अकाउंट पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने के आरोप में एक स्वतंत्र पत्रकार अनिल यादव को गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि 23 नवंबर को एक अन्य पत्रकार मनीष पांडे की शिकायत पर हजरतगंज पुलिस ने यह गिरफ्तारी की है.
क्या कहना है सपा का
सपा ने कहा कि अनिल यादव का उसके ट्विटर अकाउंट से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं पुलिस ने कहा कि वह सोशल मीडिया अकाउंट चला रहा था. यूट्यूब चैनल चलाने वाले अनिल यादव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, अनिल यादव का सपा मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से कोई लेना-देना नहीं है, वह एक पत्रकार हैं.
उसी ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट में सपा ने लिखा, अनिल यादव को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और सम्मान के साथ घर भेजा जाना चाहिए. भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है. सपा ने लिखा, 'पत्रकार अनिल यादव अपने यूट्यूब चैनल के जरिए लोगों पर हो रहे अत्याचार का पदार्फाश कर रहे थे, इससे नाराज होकर भाजपा ने उन्हें असंवैधानिक तरीके से गिरफ्तार करने के लिए प्रशासन का सहारा लिया है.'
क्या कहा पुलिस ने
लखनऊ के सहायक पुलिस आयुक्त (हजरतगंज) अरविंद कुमार वर्मा ने कहा, जांच के दौरान यह पाया गया कि अनिल यादव समाजवादी पार्टी के ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल करता है. मनीष पांडे की ओर दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है, 20 नवंबर को समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने राजनीतिक उद्देश्य से गोरखनाथ मठ के बारे में एक विवादास्पद पोस्ट किया. मठ करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. मैंने लिखा कि मठ को राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए और यह (ट्वीट) 5, कालिदास मार्ग (सीएम आवास) तक ही सीमित होना चाहिए. उसके बाद उक्त ट्विटर अकाउंट ने मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
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