कोरोना संकट: महाराष्ट्र को 2 मिनट में 2000 लीटर ऑक्सीजन देगा CSIR

कोरोना संकट के बीच वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) डायरेक्टर जनरल के साथ महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने बैठक की. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए.

Written by - Harsha Chandwani | Last Updated : Apr 13, 2021, 01:13 PM IST
  • शेखर मंडे और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक
  • महाराष्ट्र को 2 मिनट में 2000 लीटर ऑक्सीजन
कोरोना संकट: महाराष्ट्र को 2 मिनट में 2000 लीटर ऑक्सीजन देगा CSIR

नई दिल्ली: कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से CSIR के डायरेक्टर जनरल शेखर मंडे की गहन बैठक हुई. प्रदेश में कोरोना के हालात हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर वर्चुअल तरीके से मंथन किया गया. इस दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कई मांग रखी.

महाराष्ट्र के बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेटर

सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि महाराष्ट्र के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर समस्या आ रही है. इस पर सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल ने भरोसा जताया है कि महाराष्ट्र के बड़े अस्पतालों में औद्योगिक स्तर के ऑक्सीजन जनरेटर स्थापित किए जाएंगे. जिससे बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई मुहैया होगी, यानी 2 मिनट के अंदर 2000 लीटर ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे प्रदेश में ऑक्सीजन की समस्या पर काफी हद तक अंकुश पाया जा सकता है.

कोरोना प्रभावित राज्यों में मेकशिफ्ट हॉस्पिटल

CSIR के डायरेक्टर जनरल शेखर मंडे ने ज़ी हिन्दुस्तान से खास बातचीत करते हुए बताया कि 'महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्य और केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंतित है. दिल्ली में 14 निजी और 4 सरकारी अस्पतालों को कोरोना डेडिकेटेड बनाया गया है दिल्ली में पहले ही सीएसआईआर की तरफ से 1200 वेंटिलटर दिए गए हैं. ऐसी में सीएसआईआर के पास यह क्षमता है कि 10 दिनों से कम समय सीमा पर 100 बेड जितने बड़े हॉस्पिटल को मेकशिफ्ट हालत में बनाया जा सकता है. जिसमें आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा होगी. जिसके जरिए अगर किसी और स्थान पर कोरोनावायरस है तो उन्हें वहां भी लगाया जा सकेगा.

यूपी, बिहार और झारखंड के पीछे तीन महत्वपूर्ण कारण

सीएसआईआर देश की सबसे बड़ी जिनोमलैब के जरिए यह पता करने की कोशिश कर रहा है कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में कहीं नया म्यूटेशन यासीन तो नहीं फैला? जिसकी वजह से वह आर नंबर बढ़ता जा रहा है? आर नंबर (R Number) का अर्थ है कि एक व्यक्ति कितनी बड़ी संख्या में बाकी जनसंख्या को संक्रमित कर सकता है. जो देश में 1.3% है जबकि इन तीन राज्यों में 2% से ज्यादा है.

इसके अलावा दो महत्वपूर्ण कारण और भी हैं, पहला इन राज्यों में खास तौर पर जिन जिलों के अंदर संक्रमण तेज गति से फैला है वह जनसंख्या घनत्व, धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक आयोजन कोविड-19 प्रोटोकॉल का अध्ययन करना होगा और दूसरा ये है कि वो तीन राज्य हैं जहां पहले हुए सिरो सर्वे में संक्रमित लोगों का अनुपात काफी कम था. ऐसे में इस बात की संभावना है कि जो जनसंख्या अभी तक संक्रमित नहीं हुई वह तेज गति से संक्रमित हो रही है.

हवा से नहीं फैलता कोरोना, शर्तें लागू

कोरोना का संक्रमण एरोसोल नहीं है, यानी हवा के जरिए वह दूर तक नहीं जा सकता. अगर एक व्यक्ति सामान्य अवस्था में बात करता है तो 5 से 6 फुट दूर तक ड्रॉपलेट जा सकती है, लेकिन अगर वह व्यक्ति तेज बोलता है या एयर कंडीशन वाली स्थिति में बोलता है तो यह और दूर तक जा सकती है.

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बंद कमरे और एयर कंडीशन में संक्रमण काफी देर तक रह सकता है, लेकिन खुले और धूप वाले इलाके में यह संक्रमण दूर तक नहीं कर सकता. इसलिए भले ही कोरोना संक्रमण हवा के जरिए नहीं चलता हो, लेकिन बंद कमरे तेज बोलने और एयर कंडीशन में इसके फैलने की दूरी बढ़ जाती है.

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