नई दिल्ली: 21 साल पहले 26 जुलाई को भारतीय सेना ने वो शौर्य और पराक्रम दिखाया था जिसका इतिहास में कोई मुकाबला नहीं है. पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों को करारा सबक सिखाते हुए भारत के पराक्रमी रणबांकुरे वीरगति को प्राप्त हुए लेकिन उन्होंने अपने अदम्य साहस के बल पर पाकिस्तान के मंसूबे नाकामयाब कर दिए थे. आज सम्पूर्ण हिंदुस्तान अपने जाबांज शेरों को याद कर रहा है. नेशनल वॉर मेमोरियल में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीरों को नमन किया.
तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत CDS ने दी श्रद्धांजलि
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh, MoS Defence Shripad Naik and three service chiefs pay tribute at the National War Memorial on the 21st anniversary of India's victory in the Kargil War. pic.twitter.com/Mf14KJ0ENh
— ANI (@ANI) July 26, 2020
गौरतलब है कि 1999 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने इस युद्ध में विजय हासिल की थी. कारगिल युद्ध में भारत ने स्वर्णिम और महान विजय हासिल की थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेना के प्रमुख दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल में अमर योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी. पूरा देश वीरगति प्राप्त करने वाले जाबांज योद्धाओं और शूरवीरों को याद कर रहा है.
पाकिस्तान को सिखाया था ऐतिहासिक सबक
भारत ने कारगिल युद्ध में शानदार जीत हासिल करके पाकिस्तान को ये सबक सिखाया था कि जो भी भारत की ओर आँखें तिरछी करेगा उसकी आंखें निकाल ली जाएंगी. कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा कर लिया था.
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इसके बाद 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराने के लिए भारतीय सेना के शूरवीरों ने ऑपरेशन विजय का इतिहास रचा. अक्टूबर 1998 में मुशर्रफ ने कारगिल प्लान को मंजूरी दी थी. भारत ने भी उन्हें कड़ा सबक सिखाया जो कल्पना करके पाकिस्तान आज भी कांप जाता है.