नई दिल्ली: Delhi High Court ने सोमवार को एक अहम फैसला देते हुए, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project)
बरकरार रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि सेंट्रल विस्टा का निर्माण जारी रहेगा क्योंकि यह एक अहम, आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है.
कोर्ट ने कहा-मोटिवेटेड पिटीशन
फैसले का सबसे बड़ा हिस्सा यह रहा कि हाई कोर्ट रोक लगाने वाली याचिका तो खारिज की ही साथ ही कोरोना महामारी के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम रोकने याचिका दायर करने वाले पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. अदालत ने अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि यह कोई जनहित याचिका (PIL) नहीं है. यह एक मोटिवेटेड पिटीशन है.
Delhi HC while refuses to stay construction work on says as the workers are staying on site, no question of suspending the construction work arises. The concern DDMA order in question nowhere prohibits construction work
— ANI (@ANI) May 31, 2021
याचिका में प्रोजेक्ट को बताया था गैरजरूरी
जानकारी के मुताबिक, याचिका में मांग की गई थी, कि Corona की दूसरी लहर की त्रासदी को देखते हुए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) पर रोक लगाई जाए. याचिका में इस प्रोजेक्ट को गैरजरूरी काम बताते हुए रोक लगाए जाने की अपील की गई थी. साथ ही कहा गया था कि इसे कुछ वक्त के लिए रोका जा सकता है.
Corona के दौरान किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए. याचिका में दलील दी गई थी कि इस प्रोजेक्ट की वजह से महामारी के दौर में कई लोगों की जान खतरे में है.
सुप्रीम कोर्ट ने बताया था वैध
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप को दिए गए ठेके के तहत काम नवंबर 2021 तक पूरा होना है और इसलिए इसे जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए. उसने कहा कि उच्चतम न्यायालय इस परियोजना को पहले ही वैध ठहरा चुका है.
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