नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बृहस्पतिवार को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होना है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने लगभग छह महीने पहले इस मामले में केजरीवाल से लगभग नौ घंटे पूछताछ की थी. दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने इस बारे में चुप्पी साध रखी है कि मुख्यमंत्री प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होंगे या नहीं. वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी नेता आतिशी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जताई है.
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, अगर केजरीवाल की गिरफ्तारी होती है तो पार्टी के वरिष्ठ सदस्य आगे का फैसला लेंगे. लेकिन अगर पूरी पार्टी जेल में है तो सरकार और पार्टी जेल से ही चलेगी.
उधर, दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद के सिविल लाइंस इलाके स्थित आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही है. आज सुबह से ही तलाश शुरू हो गई. उनसे जुड़े 9 परिसरों पर छापेमारी चल रही है.
#WATCH | ED raid underway at the residence of Delhi Minister Raaj Kumar Anand in Civil Lines area. Searches started early morning today. Raids are underway at 9 premises linked to him. Details awaited pic.twitter.com/2Q0ZuFIjGo
— ANI (@ANI) November 2, 2023
इस मामले में गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
ईडी ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को बुलाया है. सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था. ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.
अप्रैल में केजरीवाल से की गई थी पूछताछ
इस सप्ताह की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई ने कथित शराब घोटाले में अप्रैल में केजरीवाल से पूछताछ की थी, जिस दौरान उनसे लगभग 56 सवाल पूछे गए थे. पूछताछ के बाद केजरीवाल ने पूरे मामले को 'मनगढ़ंत' और आप को खत्म करने का प्रयास करार दिया था.
उपराज्यपाल ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति की जांच कर रहे हैं, जिसमें कथित तौर पर कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया था. हालांकि इस आरोप का आप ने दृढ़ता से खंडन किया है. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले साल जुलाई में नीति बनाने और इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
रिपोर्ट में कथित अनियमितताओं का है जिक्र
अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में विभिन्न कथित अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है, जिसमें नीति के तहत कोविड-19 के चलते बिक्री के प्रभावित होने के नाम पर खुदरा लाइसेंसधारियों को 144 करोड़ रुपये की छूट और हवाईअड्डा क्षेत्र के लिए एक सफल बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये का किया गया रिफंड शामिल है, जो वहां शराब की दुकान खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करने में विफल रहा था.
उन्होंने कहा कि एक और आरोप यह है कि थोक लाइसेंसधारियों का कमीशन 'किसी चीज के बदले में' पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया.
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