दिल्ली में हिंसा भड़काने की गहरी साजिश, पुलिस के तफ्तीश में खुल रही हैं परतें

जामिया और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में जो हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उसके पीछे कहीं कांग्रेस और आप की मिलीभगत तो नहीं ? ये सवाल लगातार उठाए जा रहे हैं. लेकिन क्या इस बात में सच्चाई है या ऐसा कहा ही क्यों जा रहा है, आइए एक नजर में जानते हैं.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 18, 2019, 04:52 PM IST
    • गिरफ्तार आरोपियों और जांच के बाद खुल रहे हैं सारे भेद
    • आप विधायक हाजी इशराक पर भी दर्ज है मामला
    • लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के निशाने पर हैं प्रदर्शनकारी
    • टी-प्वाइंट से भाषणबाजी कर क्या स्थानीय विधायक ने भड़काई आग
दिल्ली में हिंसा भड़काने की गहरी साजिश, पुलिस के तफ्तीश में खुल रही हैं परतें

नई दिल्ली: जामिया और पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद-सीलमपुर में हिंसक आंदोलनों में बसें फूंक दी गईं. सार्वजनिक संपत्तियों को आगे के हवाले कर दिया गया और फिर पुलिसवालों पर पथराव के बाद उन्हें एकेले मिलने पर पीटा भी गया. अब इस मामले को तूल देने का शक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के ऊपर जा रहा है. वह इसलिए कि पुलिस ने जामिया में हुई हिंसा के बाद जो दो FIR दर्ज की है उसमें दोनों पार्टियों के लोगों के नाम सामने आए हैं. 

दिल्ली पुलिस ने जामिया हिंसा मामले में जामिया पुलिस स्टेशन और न्यू फ्रेंड्रस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में नामजद मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान और आम आदमी पार्टी की जामिया युनिवर्सिटी छात्र विंग के नेता कासिम उस्मानी समेत 7 लोगों का नाम दर्ज किया है.

इस दंगे में 31 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात कही गई थी जबकि पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जो नामजद मामला दर्ज किया है उसमें लेफ्ट की छात्र विंग आईसा के नेता चंदन कुमार का भी नाम आया है.

गिरफ्तार आरोपियों और जांच के बाद खुल रहे हैं सारे भेद

जाफराबाद-सीलमपुर में उपजे दंगों में CAA के खिलाफ पर्दशन कर रहे लोगों ने इलाके से गुजर रहे बसों में तोड़फोड़ की. पुलिस और आम लोगों पर पथराव किया गया. इस दंगे में 21 लोग घायल हुए जिसमें 15 तो पुलिसकर्मी ही थे.

पुलिस ने इस हमले के बाद दो मामले दर्ज कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने सीलमपुर-जाफराबाद हिंसा की जो जांच की है उसमें भी शुरुआती जांच में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के नाम सामने आए हैं.

आप विधायक हाजी इशराक पर भी दर्ज है मामला

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक सीलमपुर में जो रैली निकली थी वो कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद और आम आदमी पार्टी के विधायक हाजी इशराक के नेतृत्व में निकाली गई थी. साथ ही इस प्रदर्शन में स्‍थानीय काउंसलर अब्‍दुल रहमान भी शामिल थे. सभी लोगों ने CAA के विरोध में भाषण दिया, इस प्रदर्शन के कारण वहां पहले से ही जाम लग चुका था. पुलिस ने इनको हटने के लिए कहा और बस देखते ही देखते कुछ देर में वहां पथराव चालू हो गया.

लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के निशाने पर हैं प्रदर्शनकारी

सीलमपुर हिंसा में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट अधिकारियों की जांच के मुताबिक कल जो प्रदर्शन शुरू हुआ वो पूर्व कांग्रेस विधायक मतीन अहमद के नेतृत्व में चौहान बांगल गली नंबर 14 से निकल रही थी जो 1 बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई. जबकि भीड़ की शुरुआत मरकजी चौक जाफराबाद से शुरू हुई, जब भीड़ 200 के आसपास थी तो पुलिस की लोकल इंटेलीजेंस यानी LIU दोनों जगहों पर इन पर नजर रखे हुए थी.

इसके बाद मरकजी की भीड़ मौजपुर से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पहुंच गई. उसके बाद भीड़ लगातार बढ़ती गई. जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाद भीड़ सीलमपुर टी-प्‍वाइंट तक पहुंच गई. वहां बैरीकेड लगाकर पुलिस ने इन्हें रोक लिया, उस वक्त मतीन की रैली ब्रह्मपुरी से शुरू हो चुकी थी और वो रैली सीलमपुर मार्केट तक पहुंच गई पर वो रैली मार्केट से फल बाजार चली गई.

टी-प्वाइंट से भाषणबाजी कर क्या स्थानीय विधायक ने भड़काई आग

आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक हाजी इशराक सीलमपुर टी-प्‍वाइंट पहुंच गए. कुछ ही देर में स्थानीय काउंसलर अब्दुल रहमान भी सीलमपुर टी-प्‍वाइंट पर विधायक के पास पहुंच गए. वहां दोनों ने भीड़ से बात की और भाषण देना शुरू कर दिया. तभी पुलिस ने उन्हें वहा से हटाना शुरू कर दिया क्योंकि जाम लग रहा था. तभी विधायक के जाने के महज 10 मिनट बाद भगदड़ मच गई पथराव शुरू हो गया और पथराव के महज कुछ मिनट पहले स्थानीय काउंसलर भी मौके से निकल गए.

दिल्ली पुलिस फिलहाल इन सारे मामलों के तह तक पहुंचने में लगी हुई है. तफ्तीश के बाद किसी राजनीतिक पार्टी का क्या योगदान रहा, इन हिंसक प्रदर्शनों को लेकर, इसकी जानकारी साझा की जाएगी.

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