नई दिल्ली: CAA को ले कर किए जा रहे प्रोटेस्ट मार्च में अब तक बहुत से लोगों को डिटेन कर लिया गया है. पुलिस को यह आदेश था कि जो भी उग्र प्रदर्शन कर रहा है या हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहा है, शक के बिना पर भी उसे गिरफ्तार कर के रख सकते हैं पुलिस स्टेशन में नहीं तो उसके ही घर में उसे नजरबंद रखा जा सकता है.
अब तक कई राजनीतिक से लेकर सामाजिक हस्तियों को भी नजरबंद कर रखा गया है. दिल्ली में कुछ वकीलों के समूह ने इन डिटेन किए गए लोगों से मिलने की बात कही है. तीस हजारी कोर्ट के वकीलों के एक ग्रुप ने चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के पास इसको लेकर एक अर्जी डाली है.
गिरफ्तार किए गए लोगों को मिले मामला दर्ज कराने की अनुमति
Delhi: A group of lawyers file application before Chief Metropolitan Magistrate, Central Delhi at Tis Hazari Court, seeking permission to grant access to lawyers to meet detained ppl&supply FIR copies to any person arrested in the matter related to protest against #CitizenshipAct
— ANI (@ANI) December 21, 2019
उस अर्जी में यह लिखा है कि उन्हें कोर्ट से उन सभी गिरफ्तार या नजरबंद किए गए लोगों से मिलने का परमिशन चाहिए. वकीलों ने कहा कि वे उनसे मिलना चाहते हैं और उनको FIR की कॉपी देना चाहते हैं. अगर वे किसी भी तरह का मामला दर्ज कराना चाहते हों जो कि उनका कानूनी और मौलिक दोनों ही अधिकार के अधीन आता है, तो वे उनको हक उपलब्ध कराना चाहते हैं.
संविधान में मौलिक अधिकारों के अंदर है यह प्रावधान
भारतीय संविधान में अनुच्छेद 20 और 22 के तहत यह प्रावधान है कि जिसे भी किसी भी केस से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किया गया है, उसके पास यह मौलिक अधिकार है कि अदालत उसे पक्षकार सौंपे और मामला दर्ज कराने का हक भी. वकीलों का एक समूह जो तीस हजारी कोर्ट पहुंचा था उन्होंने इसी बिना पर मजिस्ट्रेट के पास यह अर्जी लगाई.
कौन-कौन डिटेन किए गए कहां से?
मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने और हिंसा फैलाने के शक के आधार पर कईयों को डिटेन कर लिया गया है. राजनेताओं में बिहार से पप्पू यादव, दिल्ली से संदीप दीक्षित, योगेंद्र यादव, भीम आर्मी के चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया था वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने परिवार की गिरफ्तारी का आरोप लगाया था. बेगलुरू से रामचंद्र गुहा और अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
अगर तीसहजारी कोर्ट के वकीलों की बात मान ली जाती है तो इन सभी को FIR करने की सुविधा मिल पाएगी और वकील इनसे मिल पाएंगे.