नई दिल्लीः महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़णवीस ने लद्दाख जाकर इस युद्ध संग्रहालय की आधारशिला रखी है. आपको बता दें कि यह त्रिशूल युद्ध स्मारक साल 1962 में लद्दाख में स्थापित तीसरी इन्फैंट्री त्रिशूल डिवीजन का प्रतीक है. इस स्मारक की आधारशिला रखने के बाद बीजेपी नेता फड़णवीस ने भारतीय सेना के जवानों की बहादुरी को सलाम किया. उन्होंने कहा कि जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.
महाराष्ट्र बना देश का पहला राज्य
भारतीय सेना के लिए इस तरह की परियोजना शुरू करने और सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन को बेहतर बनाने में मदद करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है. इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 'उनकी सरकार इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सेना के साथ सहयोग करेगी.'
फडणवीस ने वीर जवानों के बलिदान को किया सलाम
लोगों को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह लद्दाख के उन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. वहीं रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कारू स्थित युद्ध स्मारक और संग्रहालय राष्ट्र के सम्मान और अखंडता की रक्षा में त्रिशूल डिवीजन के जवानों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान और महान योगदान का सम्मान करने का एक प्रयास है.
क्या है त्रिशूल वॉर मेमोरियल?
वर्ष 1962 के युद्ध में भारतीय सेना के सैन्यकर्मियों ने देश की खातिर अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था. उनके इस बलिदान के सम्मान और उनकी याद में त्रिशूल डिवीजन का युद्ध स्मारक बनाया गया था. अक्टूबर 1962 में लद्दाख में स्थापित त्रिशूल डिवीजन ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ में सक्रिय रहा है.
त्रिशूल के आकार का होगा ये संग्रहालय
उन्होंने कहा कि संग्रहालय का निर्माण त्रिशूल युद्ध स्मारक के निकट किया जा रहा है और यह त्रिशूल के आकार का होगा जिसमें तीन प्रदर्शनी कक्ष होंगे. इन कक्षों में सेना द्वारा अब तक किए गए सभी अभियानों से जुड़ी घटनाओं की जानकारी दी जाएगी. प्रवक्ता ने बताया कि कारू में शिलान्यास समारोह संग्रहालय के प्रस्तावित स्थल पर आयोजित किया गया जिसमें फायर एंड फ्यूरी कोर और त्रिशूल डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, महाराष्ट्र सरकार की विधान समिति के सदस्य श्रीकांत भारतीय ने हिस्सा लिया.
Trishul War Museum - An Honour for the Govt of Maharashtra!
Strengthening the Maharashtra - Ladakh relationship... this new bond will lead to new opportunities for economic, social, and cultural exchange, boosting the 'unity in diversity'!
My complete speech at the Foundation… pic.twitter.com/39KbmvUb7w— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) September 3, 2023