नई दिल्ली: कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और वह मोदी सरकार के इस ‘सुनियोजित कदम’ के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी. पार्टी ने यह भी कहा 'भारतीय लोकतंत्र ओम शांति.' कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम पांच बजे पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है.
खड़गे का दावा- राहुल गांधी से डरती है सरकार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं को बताया, 'आज शाम पांच बजे कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई गई है जिसमें इस लड़ाई को आगे ले जाने की रणनीति तय की जाएगी.' उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार को सबसे ज़्यादा डर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से लगता है. लोकतंत्र की हत्या करने लिए उन्होंने गांधी की संसद सदस्यता रद्द की है. वे सच बोलने वालों का मुंह बंद करना चाहते हैं.' खड़गे ने कहा, 'देशवासी यह तानाशाही नहीं सहेंगे. लोकतंत्र की हिफ़ाज़त के लिए हम जेल तक जाएंगे. हम जेपीसी की मांग करते रहेंगे.'
'राहुल गांधी की आवाज को बंद करने की कोशिश'
कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, 'राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना ताबूत में आखिरी कील है. यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है. यह मोदी सरकार का सुनियोजित कदम है ताकि संसद में राहुल गांधी की आवाज को बंद कर दिया जाए. हम इससे कानूनी और राजनीतिक रूप से निपटेंगे. सच की जीत होगी.'
'हम धमकी के आगे नहीं झुकेंगे और खामोश नहीं होंगे'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे. हम धमकी के आगे नहीं झुकेंगे और खामोश नहीं होंगे. प्रधानमंत्री से जुड़े अडानी महाघोटाले में जेपीसी बनाने के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा दिया गया. भारतीय लोकतंत्र ओम शांति.'
प्रियंका का सवाल- क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'नीरव मोदी घोटाला- 14,000 करोड़ रुपया, ललित मोदी घोटाला- 425 करोड़ रुपया, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 करोड़ रुपया. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं.' उन्होंने सवाल किया, 'क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?'
दिग्विजय सिंह ने बताई राहुल पर कार्रवाई की वजह
पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'जैसी भाजपा, संघ, नरेन्द्र मोदी जी से उम्मीद थी कि मोदी अडानी संबंधों पर वे राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं देंगे, वही हुआ. राहुल गांधी के चार साल पुराने बयान पर उनकी संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई. लोकतंत्र के मंदिर में नहीं बोलने दोगे तो जनता की अदालत में जाएंगे.'
'कुछ लोगों ने इंदिरा जी के साथ भी यही भूल की थी'
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद कहा है कि कुछ लोगों ने इंदिरा गांधी के साथ भी यही भूल की थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के कुछ देर बाद बघेल ने ट्वीट किया, 'तानाशाह का सबसे बड़ा डर होता है कि उससे लोग डरना बंद न कर दें. आप उसे डराना चाहते हैं जो पूरे देश को कह रहा है ‘डरो मत’.' बघेल ने कहा है, 'इंदिरा जी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) के साथ भी यही भूल की थी कुछ लोगों ने, बाकि फिर इतिहास है. यहीं मिलेंगे जनता की अदालत में. जनता होगी, जननेता होगा..नहीं होगा तो सिर्फ डर और तानाशाह.'
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, 'राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई. वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं. हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर कीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे. लड़ाई जारी है.'
केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा.
अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है. उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने 'मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत भी दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें.
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