DRDO ने किया Akash न्यू जेनरेशन मिसाइल का सफल परीक्षण, बढ़ी वायुसेना की ताकत

आकाश-एनजी एक नई पीढ़ी की सरफेस-टू-एयर मिसाइल है जिसका उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा उच्च पैंतरेबाजी वाले हवाई खतरों को रोकने के उद्देश्य से किया जाता है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 25, 2021, 07:15 PM IST
  • आकाश मिसाइल का वजन 720 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 19 फीट है
  • यह 60 किलोग्राम के भार वाले हथियारों को ले जाने में सक्षम है
DRDO ने किया Akash न्यू जेनरेशन मिसाइल का सफल परीक्षण, बढ़ी वायुसेना की ताकत

नई दिल्लीः DRDO ने एक बार फिर देश की रक्षा ताकतों में इजाफा किया है. DRDO ने भारतीय वायुसेना के लिए मिसाइल बनाई है. सोमवार को आकाश मिसाइल की New Edition का सफलतापूर्वक परीक्षण किडिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने किया है. ओडिशा स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से इसे दागा गया.

इसे आकाश-एनजी यानी नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल नाम दिया गया है. मिसाइल सतह से हवा में मार करने में सक्षम है.  इसे भारतीय वायुसेना के लिए खासतौर से बनाया गया है. यह सफलता भारतीय रक्षा अनुसंधान केंद्र को ऐसे समय में हाथ लगी है, जबकि LAC पर तनाव बरकरार और पाकिस्तान की ओर से लगातार सुरंग वाली  साजिश का खुलासा हो रहा है. 

ओडिशा तट से किया गया परीक्षण
केंद्र ने बताया कि सीमाओं पर तनाव व बढ़ते हवाई खतरों को देखते हुए आकाश-एनजी बेहद कारगर रहेगी. जानकारी के मुताबिक, DRDO ने बताया कि “सोमवार ओडिशा के तट से इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से आकाश-एनजी (न्यू जेनरेशन) मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया.

आकाश-एनजी एक नई पीढ़ी की सरफेस-टू-एयर मिसाइल है जिसका उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा उच्च पैंतरेबाजी वाले हवाई खतरों को रोकने के उद्देश्य से किया जाता है.” ओडिशा के तट से इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से आकाश मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया गया है. 

जानिए आकाश के बारे में 
आकाश मिसाइल का वजन 720 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 19 फीट है. यह 60 किलोग्राम के भार वाले हथियारों को ले जाने में सक्षम है. इसकी मारक क्षमता 40 से 60 किलोमीटर तक की है. यह मिसाइल 4321 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरती है. इसकी गति क्षमता इतनी है कि एक सेकेंड में 1.20 किलोमीटर तक जाती है.

दुश्मन जब तक इसको रोकने का प्रयास करेगा तब तक यह उसे पूरी तरह नष्ट कर देगी. इसको एंटी मिसाइल के तौर पर भी उपयोग में लाया जा सकता है.  अनुसंधान केंद्र की ओर से बताया गया है कि मिसाइल ने तय की गई सटीकता के साथ लक्ष्य को बेधा.  DRDO ने कहा कि कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम का प्रदर्शन जहाज पर एवियोनिक्स और मिसाइल की वायु की गति के प्रारूप को सफलतापूर्वक सत्यापित किया गया.

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