Dream Budget: इस वित्त मंत्री ने पेश किया था 'ड्रीम बजट', जिससे बदल गई थी भारत की तकदीर!

 P Chidambaram Dream Budget: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई, 2024 को बजट पेश करेंगी. इसी बीच लोगों में ड्रीम बजट की चर्चा हो रही है, जो साल 1997 में पेश किया गया था. इस बजट ने देश की आर्थिक तकदीर बदल दी थी. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jul 16, 2024, 05:46 PM IST
  • चिदंबरम ने पेश किया था ड्रीम बजट
  • मध्यम और उच्च वर्गीय लोग खुश हुए
Dream Budget: इस वित्त मंत्री ने पेश किया था 'ड्रीम बजट', जिससे बदल गई थी भारत की तकदीर!

नई दिल्ली: P Chidambaram Dream Budget: दिसंबर 2012 में मशहूर पत्रिका इकोनॉमिक्स ने एक रिपोर्ट छापी, जिसने सियासत में दिलचस्पी रखने वाले तमाम लोगों को हैरान कर दिया. रिपोर्ट में ऐसा संकेत दिया गया कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद से हटाए जा सकते हैं. उनकी जगह कोई दूसरा नेता ले सकता है. इसके बाद सियासी हलकों में ये सवाल उठने लगा कि मनमोहन हटेंगे तो आएगा कौन? तभी द्रमुक सुप्रीमो एम करुणानिधि ने कहा, 'अगला प्रधानमंत्री दक्षिण का कोई धोतीवाला होगा.' उनका इशारा मनमोहन सरकार में वित्त मंत्री पी. चिंदबरम की ओर था. इस वाकये से आप समझ गए होंगे UPA सरकार में चिंदबरम कितने प्रभावशाली मंत्री थे. खैर, वे प्रधानमंत्री तो नहीं बन पाए, लेकिन कम जानाधार होने के बावजूद वे ताकतवर रहे. इसके पीछे का कारण था आर्थिक मामलों को लेकर उनकी समझदारी. चिदंबरम देश के ऐसे वित्त मंत्री थे, जिन्होंने 1997 में 'ड्रीम बजट' पेश किया था. 

बजट क्यों कहलाया 'ड्रीम बजट'?
आजाद भारत में सबसे चर्चित बजट 1997 में पेश हुआ था, जिसे ड्रीम बजट भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि 27 फरवरी, 1997 को पेश हुए इस बजट में आर्थिक सुधार का रोडमैप रखा गया था. इस बजट में इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की गई थी. जिससे मध्यम वर्गीय और उच्च वर्गीय लोग खुश हुए. तब इनकम टैक्स की ऊपरी सीमा को 40 से घटाकर 30% किया गया था. इस बजट के बाद प्राइवेटाइजेशन भी तेज हुआ, जिससे कॉर्पोरेट घराने खुश हुए. इस बजट ने देश की आर्थिक तकदीर बदल दी थी. आसान शब्दों में कहा जाए तो इस बजट ने सभी तबके के लोगों के सपनों को पंख लगाए, इस कारण ये ड्रीम बजट कहलाया.

इस स्कीम ने दिखाया कमाल
इसी बजट में चिदंबरम ने काले धन को सामने लाने के लिए एक स्कीम लॉन्च की. इस स्कीम का नाम वॉलिंटरी डिसक्लोजर ऑफ इनकम स्कीम (VDIS) था. इस स्कीम के आने से लोगों ने अपनी इनकम का खुलासा किया. इसका नतीजा ये रहा कि पर्सनल इनकम टैक्स से रिकॉर्ड 18,700 करोड़ रुपये की आय हुई.

क्यों कहे जाते थे लकी वित्त मंत्री?
एक बार यशवंत सिन्हा ने चिदंबरम को 'लकी फाइनेंस मिनिस्टर' कहा था. दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि 1996 में जब चिदंबरम वित्त मंत्री बने, तो उन्हें मनमोहन सिंह के द्वारा किए गए कर्मों का अच्छा फल मिला. चिंदबरम से पहले मनमोहन वित्त मंत्री हुआ करते थे. जब चिदंबरम वित्त मंत्री बने, तब GDP 7% थी और फिस्कल डेफिसिट 4.5% था. लिहाजा, उन्हें पहले से ही एक मजबूत बेस मिला, जिस पर उन्होंने आगे का स्ट्रक्चर खड़ा किया. 

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