द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की नई राष्ट्रपति, जानें- संसद भवन के सेंट्रल हॉल में क्यों हुआ शपथ ग्रहण समारोह

द्रौपदी मुर्मू देश के नई राष्ट्रपति बन गई हैं. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में CJI जस्टिस एनवी रमन्ना ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई गई.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 25, 2022, 10:46 AM IST
  • द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की नई राष्ट्रपति
  • सेंट्रल हॉल में हुआ शपथ ग्रहण समारोह
द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की नई राष्ट्रपति, जानें- संसद भवन के सेंट्रल हॉल में क्यों हुआ शपथ ग्रहण समारोह

नई दिल्लीः द्रौपदी मुर्मू देश की नई राष्ट्रपति बन गई हैं. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में CJI जस्टिस एनवी रमन्ना ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई. पदभार संभालते ही द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं. राष्ट्रपति मुर्मू इस पद को संभालने वाली देश की पहली आदिवासी महिला हैं. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिमंडल के सदस्य, कई राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, सांसद और सरकार के प्रमुख अधिकारी इस समारोह में शामिल हुए. शपथ ग्रहण समारोह के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई. बता दें कि मुर्मू देश की 10वीं राष्ट्रपति बनी हैं जिन्होंने 25 जुलाई को ही शपथ ली हैं. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन

शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वहां मौजूद सभी लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के वैश्विक संकट का सामना करने में भारत ने जिस तरह का सामर्थ्य दिखाया है, उसने पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ाई है. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह भी जोड़ा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद से लेकर राम नाथ कोविन्द तक, अनेक विभूतियों ने इस पद को सुशोभित किया है. इस पद के साथ-साथ देश ने इस महान परंपरा के प्रतिनिधित्व का दायित्व भी मुझे सौंपा है.

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ''एक संसदीय लोकतंत्र के रूप में 75 वर्षों में भारत ने प्रगति के संकल्प को सहभागिता एवं सर्व-सम्मति से आगे बढ़ाया है. विविधताओं से भरे अपने देश में हम अनेक भाषा, धर्म, संप्रदाय, खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाजों को अपनाते हुए ‘एक भारत – श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में सक्रिय हैं.''

'देश के गरीबों का आशीर्वाद'

उन्होंने कहा, ''मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है. मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं. मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है. राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है.''

उन्होंने कहा, ''कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है. ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है. मैं आज, देश की सेनाओं को तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं.'' इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है.

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