नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकसभा चुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईओडब्ल्यू और एसीबी ने महादेव वेटिंग ऐप के मालिकों से 508 करोड रुपए की प्रोटेक्शन मनी लेने के मामले में उन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है. मामले में बघेल सहित 18 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. यह प्राथमिकी चार मार्च को दर्ज हुई है.
जानें क्या है पूरा मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बघेल पर महादेव वेटिंग ऐप के मालिक रवि उप्पल और सौरव चंद्राकर से प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप है. आरोप है कि उन्होंने इनसे 508 करोड़ की राशि ली है. ज्ञात हो कि चंद्राकर और उप्पल के करीबी असीम दास को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद रायपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया था और उसके पास से पौने तीन करोड रुपए बरामद किए गए थे.
असीम ने अपने बयान में कहा था कि वह यह पैसे भूपेश बघेल को देने आया था. इसी दौरान असीम ने 508 करोड रुपए भूपेश बघेल तक पहुंचाने का दावा भी किया था, इसी आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले पर ईओडब्ल्यू और एसीबी का कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. ज्ञात हो कि कांग्रेस ने भूपेश बघेल को लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है और इसी बीच उन पर महादेव ऐप के प्रमोटर से प्रोटेक्शन मनी लेने का मामला दर्ज हुआ है, जो आने वाले दिनों में सियासी हलचल पैदा कर सकता है.
क्या है महादेव बेटिंग ऐप
महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है. इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे. ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी. अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले.
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