नई दिल्ली: आतंक के पनाहगार मुल्क पाकिस्तान ने नीच करतूतों को अंजाम देने के लिए सारी हदें तोड़ने का संकल्प लिया है. कोरोना काल में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने नई चाल चली और अपने राजनयिकों को जासूसी का काम सौंप दिया. यानी दिल्ली में पाक उच्चायोग जासूसी का केंद्र बन गया.
पाक उच्चायोग बना जासूसी का केंद्र
यही वो चेहरे हैं जो कहने को तो दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग के अधिकारी हैं. लेकिन इनका असली काम जासूसी करना था, इनमें एक आबिद हुसैन और दूसरा मोहम्मद ताहिर है. इन दोनों की नियुक्ति पाकिस्तानी हाईकमीशन में वीजा सहायक के तौर पर हुई थी, लेकिन ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर नाच रहे थे और खुफिया जानकारियां इस्लामाबाद भेज रहे थे.
जासूसी करते पकड़े गए 2 पाकिस्तानी अफसर
जासूसी के इस जाल में इनके साथ ड्राइवर जावेद भी शामिल था. उच्चायोग के इन अधिकारियों को इंटेलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने रंगेहाथ पकड़ा तब पता चला कि कैसे कूटनीति की आड़ में ये लोग जासूसी का नेटवर्क फैला रहे थे.
दोनों अफसर 24 घंटे में भारत छोड़ें: विदेश मंत्रालय
भारत सरकार ने पाकिस्तान की इस करतूत पर कड़ी आपत्ति जताई है और पाक उच्चायोग को तलब भी किया. साथ ही जासूसी में शामिल पाकिस्तानी हाईकमीशन के दोनों अधिकारियों को पर्सोना नॉन ग्रेटा यानी अवांछित व्यक्ति करार देते हुए उन्हें 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ने को कहा है.
खुफिया विभाग को पाक उच्चायोग के अधिकारी आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर की करतूतों की पहले ही सूचना मिल गई थी. रविवार की देर रात ये दोनों दिल्ली के करोलबाग में गोपनीय दस्तावेज लेने पहुंचे थे. दस्तावेज देने वाले को ये दोनों अधिकारी पैसे और फोन दे रहे थे. इसी दौरान दिल्ली पुलिस की टीम ने इन दोनों को ड्राइवर के साथ धर-दबोचा.
पाक खुफिया एजेंसी ISI के लिए करते थे जासूसी
इन दोनों पाकिस्तानी अधिकारियों के पास भारत का फर्जी आधार कार्ड भी मिला. पहले खुद को भारतीय बताने वाले इन दोनों ने बाद में पाक उच्चायोग का स्टाफ होने की बात मान ली. दोनों ने ISI के लिए जासूसी करने की बात भी कबूल कर ली है.
भारत ने पाक उच्चायोग को आपत्ति पत्र जारी किया
इन दोनों के पास भारतीय सुरक्षा से जुड़े कई खुफिया दस्तावेज भी मिले हैं। ये जानकारी जुटाई जा रही है कि इन्हें ये दस्तावेज कैसे मिले और कहां से मिले? वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की इस करतूत के खिलाफ उच्चायोग को डिमार्श यानी आपत्ति पत्र जारी करके उसे हद में रहने की बात कही है. है.
दिल्ली में पाक उच्चायोग की करतूत बेनकाब
इस डिमार्श में लिखा गया है कि पाकिस्तानी उच्चायोग इस बात को सुनिश्चित कर ले कि उसके कोई भी राजनयिक या कोई भी सदस्य किसी भी तरह के मिशन या भारत विरोध गतिविधियों में शामिल नहीं रहे. इसके अलावा वो किसी भी तरह का कोई ऐसा बर्ताव न करे जो कि राजनयिक पद के अनुकूल नहीं हो.
पाकिस्तान की तरफ से डिप्लोमेसी के नियम-कायदे और दायरे को तार-तार करने का ये कोई पहला मामला नहीं है. बीते करीब 4 साल पहले यानी वर्ष 2016 में भी पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले एक अधिकारी को दिल्ली में जासूसी करते हुए दबोचा गया था.
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उस वक्त भी उसे पर्सोना-नॉन-ग्रेटा करार देते हुए भारत से पाकिस्तान भेज दिया गया था. तब भी पाकिस्तान ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने की झूठी दलील दी थी और इस बार अपने दो अधिकारियों को रंगेहाथ जासूसी करते हुए पकड़े जाने पर भी ऐसी ही थोथी दलील दी है.
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