Farmer Protest: किसानों का नाम बदनाम कर रहे हैं खालिस्तानी?

देश विरोधी ताकतें किसानों के आंदोलन को कमजोर करना चाहती हैं. तभी तो खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी हो रही है. सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले किसानों का बड़ा ऐलान किया. किसान 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे. वहीं ममता बनर्जी ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 5, 2020, 01:26 PM IST
  • किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी साजिश
  • किसानों को मोहरा बना रहे हैं खालिस्तान समर्थक
  • किसानों को बदनाम करने वाली साजिश का खुलासा
Farmer Protest: किसानों का नाम बदनाम कर रहे हैं खालिस्तानी?

नई दिल्ली: देश का हर वो किसान हीरो है, जो अपने हक के लिए लड़ रहा है. फिर ये लड़ाई सिस्टम के खिलाफ हो या सरकार के खिलाफ. आज किसान आंदोलन के दसवां दिन है. दोपहर दो बजे किसान और सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता होने वाली है. लेकिन किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस वक्त ऐसी देश विरोधी ताकतों से है जो किसानों के आंदोलन को कमजोर करना चाहती हैं,

किसान आंदोलन में खालिस्तान का क्या काम?

दिल्ली बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ आंदोलन में जुटे हजारों किसानों में सैकड़ों बुजुर्ग हैं. जो कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर भी अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन कुछ देश विरोधी ताकतें, किसानों के भेष में उन्हीं के खिलाफ साज़िश रच रही हैं. एक प्रदर्शनकारी कह रहा है कि "खालिस्तान की जिस दिन बात होगी खालसा ने अपने आप ले लेना है, वो बात छोड़ दो. वो आपके बस की बात नहीं है. वो खालसे ने अपने आप सोची हुई है कि कैसे करना है."

किसान आंदोलन को कौन बदनाम कर रहा?

किसान आंदोलन में खालिस्तान का समर्थन करते युवक को अगर किसान समझा जाए, तो ये बड़ी गलती होगी.  क्योंकि ऐसे लोग सिर्फ और सिर्फ एक खालिस्तान समर्थक ही हो सकते हैं. जो किसान आंदोलन में शामिल होकर किसानों की नींव कमजोर कर रहा है और खालिस्तान की नींव का सपना देख रहा है. प्रदर्शनकारी ये भी कहता दिखा कि "संतो ने कहा है जिस दिन यहां फौज चढ़कर आई खालिस्तान की नींव रखी जाएगी. आपने नींव रखवा दी. बनवाना, नहीं बनवाना ये बाद की बात है. आज आप नाम दे रहे हो क्या पता कल इस आंदोलन में बन जाए. हमारे लिए तो खुशी ही खुशी है."

गौर करने वाली बात तो ये है कि ये प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर पर है. जहां पंजाब से आए सबसे ज्यादा किसान मौजूद हैं. एक सप्ताह पहले ही सबसे सिंघु बॉर्डर पर एक ट्रैक्टर पर खालिस्तान के समर्थन में पोस्टर लगा था.

#FarmerProtestHijacked: किसान प्रदर्शन में खालिस्तान की 'घुसपैठ'?

किसान आंदोलन में घुसपैठिये कौन?

जिस खतरे की तरफ देश और खासकर किसानों को ध्यान दिलाना चाहता है. उसे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी समझ चुके हैं और केंद्र सरकार भी.. इसीलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि "मैं किसानों से अपील करता हूं कि इसका हल जल्दी निकालें क्योंकि इससे पंजाब की आर्थिक और देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा है."

किसानों को कमजोर बनाता 'खालिस्तान'?

वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि "कोई खालिस्तान के नारे लगाता है. ऐसे लोग हो सकते हैं, लेकिन सारा देश नहीं हो सकता है. जो एंटी सोशल बात करता है ऐसे कुछ लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. और प्रोग्रेसिव सोच रखकर पंजाब के भले की बात करनी चाहिए. ऐसी सोच वाले जो लोग घुसने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें हमें नकारना होगा." मतलब साफ है अगर किसानों को अपने आंदोलन को और दमदार बनाना है तो उन्हें खालिस्तान समर्थकों को चुन-चुनकर दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर कर देना चाहिए.

 अन्नदाता अनजान, आंदोलन में 'खालिस्तान'

  • 27 नवंबर, बरनाला: खालिस्तान के नारे क्यों?
  • 27 नवंबर, पटियाला: 'जैसे इंदिरा को ठोका था..'
  • 1 दिसंबर, सिंघु बॉर्डर: ट्रैक्टर पर AK47 क्यों?
  • 2 दिसंबर, सिंघु बॉर्डर: खालिस्तान 'पाक' कैसे?

किसान आंदोलन में कोरोना का खतरा

किसान आंदोलन में कोरोना संक्रमण का ख़तरा बढ़ गया है. मौके पर डॉक्टरों ने माना, कई किसानों में लक्षण दिखे. डॉक्टरों के मुताबिक कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. गंभीर मरीजों को अस्पताल ले जाया गया. पंजाब से 10 डॉक्टर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे.

किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में फैसला लिया गया. किसान संगठनों का कहना है कि किसानों के लिए सभी टोल प्लाजा फ्री हो. कल कानून रद्द होने पर दो टूक बात होगी.  बता दें, कल दोपहर 2 बजे सरकार के साथ किसानों की मीटिंग होगी.

देश के किसान सरकार के नए किसान कानून के खिलाफ अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन किसानों की हक की लड़ाई में कुछ असामाजिक तत्वों की एंट्री हो चुकी है. प्रदर्शनकारियों के हाथ में खालिस्तान आतंकियों के पोस्टर दिखाई दिए. पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने भी किसान आंदोलन में खालिस्तान की एंट्री के संकेत दिए हैं.

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