भोपाल: सितंबर में भी बाढ़ के कोहराम से आधे भारत में तबाही ही तबाही दिख रही है. इस बीच मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण भारत के साथ ही पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में अगले 2 दिन के लिए भारी बारिश की आशंका जताई है. मौसम विभाग के मुताबिक देश में अगस्त के महीने में पिछले 44 साल में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है. CM शिवराज लगातार लोगों से संवाद कर रहे हैं, साथ ही बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश में पानी ने बरपाया कहर
प्रदेश के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि "मेरे प्रदेशवासियों, यह चुनौती का समय है, लेकिन आप चिंतित मत होइये. मैं और पूरा प्रशासन अनवरत कार्य कर रहा है. धैर्य रखिये, आपको इस संकट के पार ले जायेंगे."
सीहोर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
मेरे प्रदेशवासियों, यह चुनौती का समय है, लेकिन आप चिंतित मत होइये। मैं और पूरा प्रशासन अनवरत कार्य कर रहा है।
धैर्य रखिये, आपको इस संकट के पार ले जायेंगे। pic.twitter.com/cJ8aJQQRWI
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 31, 2020
विदिशा में बेतवा नदी का रौद्ररूप
मध्य प्रदेश के विदिशा में बारिश तो थम गई है, लेकिन बेतवा नदी की बाढ़ ने भयानक रूप ले लिया है. बेतवा अपना रौद्ररूप दिखा रही है. भोपाल के कलियासोत डेम के गेट खुलने और रायसेन जिले के तालाबों के वेस्ट वीयर के पानी से बेतवा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. बेतवा खतरे के निशान से दो फीट ऊपर बह रही है. बाढ़ का पानी तटीय इलाकों की बस्तियों में घुस गया है. नदी किनारे स्थित नौलखी, महल घाट, वाटर वर्क्स, रंगई गांव, कमापार सहित कई इलाके सैलाब में डूब गए हैं.
विदिशा में बेतवा के उफान पर आने से मुक्तिधाम परिसर में पानी भर गया है. श्मशान जाने वाला रास्ता भी बंद हो गया है. मुक्तिधाम में बेतवा का पानी उफनता हुआ बह रहा है, यहां रखी तमाम अस्थियां खुद ब खुद बेतवा में विसर्जित हो गईं.
बेतवा के किनारे बने सारे मंदिर डूबे
बेतवा के किनारे बने सारे मंदिर डूब चुके हैं. निचली बस्तियों में पानी भर जाने से चरण तीर्थ घाट पर स्थित 300 साल पुराने रामेश्वर एवं गोपेश्वर महादेव मंदिर तक पानी में समा गए हैं. यही नहीं एक दिन पहले रविवार को प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पत्नी के साथ विदिशा के रंगई स्थित जिस बाढ़ वाले गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, सोमवार को वह मंदिर भी बेतवा नदी उफान में डूब गया.
बाढ़ का पानी नेशनल हाईवे पर आने से विदिशा-भोपाल मार्ग बंद हो गया है. बड़ी संख्या में लोग जहां तहां फंस गए हैं. हालात यह हो गए हैं कि बेतवा किनारों के कई घर बाढ़ में डूबने से लोगों की गृहस्थी का सामान खराब हो गया है. भोपाल से एसडीआरएएफ की टीम को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया है. जिला होमगार्ड बल सहित एसडीआरएएफ की टीम अलग अलग इलाकों से बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए जुटी हुई है.
होशंगाबाद के हालातों का CM ने लिया जायजा
बेतवा ही नहीं एमपी में नर्मदा भी तबाही मचा रही है. सरदार सरोवर डैम के पानी से नर्मदा खतरे के निशान को पार कर गई है. जिससे तटीय इलाकों में हालात बेहद भयावह हो चले हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. सोमवार को शिवराज अधिकारियों के साथ होशंगाबाद पहुंचे. यहां बोट से वह नर्मदा किनारे बसे बाढ़ प्रभावित गांवों तक पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों से बात की है. साथ ही उन्हें राहत सामाग्री भी दी.
मैं युवाओं से आग्रह करता हूँ कि अपने आसपास यदि कोई बुज़ुर्ग व्यक्ति, बच्चे या पशु संकट में हों, तो उनकी ज़रूर मदद करें। pic.twitter.com/Eqw8DaUAeQ
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 31, 2020
होशंगाबाद में भी नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. स्थिति को संभालने के लिए होशंगाबाद में आर्मी को उतारा गया था. सीएम के दौरे के दौरान भी आर्मी के जवान उनके साथ थे. सीएम आर्मी की बोट पर ही बैठ कर बाढ़ प्रभावित गांवों तक पहुंचे थे.
CM शिवराज ने बाढ़ प्रभावित सीहोर के ग्राम मंडी क्षेत्र का निरीक्षण कर नागरिकों से संवाद किया. उन्होंने कहा कि "मेरे भाई-बहनों, घर और फसलों का अलग-अलग आकलन कर राहत और उचित मुआवजा दिया जायेगा. आपके साथ मैं और पूरी सरकार खड़ी है."
इसके अलावा उन्होंने हांडिया, ज़िला हरदा के बाढ़ग्रस्त इलाके के नागरिकों से संवाद किया. और देवास ज़िले के नेमावर में बाढ़ग्रस्त इलाके के नागरिकों से संवाद किया.
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