नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक आर्थिक पैकेज की अंतिम किस्त की विस्तार से जानकारी दे रही हैं. कोरोना संक्रमण के कारण देश की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हो रहा है उसे कम करने के लिए मोदी सरकार ने कई अहम घोषणाएं की. इस समय देश को स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे अधिक जरूरत है इसलिये वित्तमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए विशेष आर्थिक राशि की घोषणा की.
तीन महीने का राशन देने की योजना
वित्तमंत्री ने कहा कि हम आखिरी किस्त का ऐलान कर रहे हैं. एक राष्ट्र के तौर पर हम बहुत अहम पड़ाव पर हैं. आपदा के समय भारत के लिए ये एक मौका है. हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने की जरूरत है.आत्मनिर्भर भारत के मकसद से लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ इन सभी पर राहत पैकेज में ध्यान दिया गया है. जरूरतमंद लोगों के लिये सरकार ने तीन महीने के राशन की सुविधा की है.
स्वास्थ्य विभाग को 15 हजार करोड़ की मदद
To prepare #India for any future pandemics Government will increase Public Expenditure on Health and invest in grass root health institutions#AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/3DQuq8Gfsp
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वित्तमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 15 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं. टेस्टिंग और लैव किट के लिए 550 करोड़ रुपये दिए गए हैं. कोरोना से जंग में लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की गई है.
संकट से गुजर रहा है देश
Corporate Law measures for ease of doing business have included timely action during COVID–19 to reduce compliance burden under various provisions of the Companies Act#AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/eVjKNEgB5M
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वित्त मंत्री आज आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त की घोषणाएं कर रही हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा कि हमने पिछले चार दिनों में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ के लिए कई घोषणाएं कीं. उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि पीएम ने कहा था कि जान है तो जहान है.
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उन्होंने कहा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है. पीएम ने यह भी कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है. संकट का दौर नए अवसर भी खोलता है.
किसानों को दी गयी विशेष राहत
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 8.19 करोड़ किसानों के खाते में 2000 रुपए की किश्त पहुंचाई और 20 करोड़ जनधन खातों में 10 हजार 25 करोड़ रुपए पहुंचाए गए. उन्होंने बताया कि 2.20 करोड़ बिल्डिंग-कंस्ट्रक्शन वर्करों के खाते में सीधे रकम पहुंचाई और 12 लाख से ज्यादा ईपीएफओ खाताधारकों को फायदा पहुंचाया है.