मुख्यमंत्री नहीं चुने गए तो क्या राज्यसभा भेजे जा सकते हैं रघुबर दास

झारखंड में सरकार बनाने का जनाधार खो देने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि भाजपा रघुबर दास को खूब खरी-खोटी सुनाएगी. लेकिन ऐसा कुछ अब तक तो नहीं हुआ. बल्कि सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिल रही है कि भाजपा रघुबर दास को झारखंड कोटे से राज्यसभा भेजने की तैयारी में है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 25, 2019, 07:07 PM IST
    • अपनी सीट तक गंवा बैठे हैं रघुबर दास
    • रघुबर ने कहा एक कार्यकर्ता का पद कोई नहीं छीन सकता
    • अमित शाह के करीबी होने का फायदा मिल सकता है दास को
मुख्यमंत्री नहीं चुने गए तो क्या राज्यसभा भेजे जा सकते हैं रघुबर दास

रांची: बड़े नेता चुनाव में भले कभी हार जाएं लेकिन पार्टी की नजर में उनकी अहमियत जल्दी कम नहीं होती. बात झारखंड की है जहां विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं. परिणाम आ चुके हैं. भाजपा को धुल चटा कर झामुमो गठबंधन ने सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया है. अब भाजपा खेमे में हार के कारणों पर चर्चा की जानी थी. उसकी समीक्षा होनी थी लेकिन समीक्षा बैठक से पहले ही एक सवाल का हल निकल आया.

वह सवाल था कि अब रघुबर दास जो पूर्व मुख्यमंत्री हैं, उनका क्या होगा ?

अपनी सीट तक गंवा बैठे हैं रघुबर दास

सवाल का जवाब अब मिल चुका है. भाजपा को झारखंड में रघुबर दास सरकार की पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद यह उम्मीद बंधी थी कि उनके ही नेतृत्व में भाजपा फिर से वापसी करेगी.

उम्मीदों पर पानी फिरा और पार्टी को करारी शिकस्त मिली. यहां तक की मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रघुबर दास अपनी सीट भी गंवा बैठे. जमशेदपुर पूर्वी पर रघुबर दास को भाजपा के पुराने और बागी नेता सरयू राय ने सियासी पटखनी दी.

अमित शाह के करीबी होने का फायदा मिल सकता है दास को

बावजूद इसके यह तय नहीं हो पा रहा था कि आखिर रघुबर दास का राजनीतिक करियर अब कौन सा मोड़ लेगा ? वो अब किस भूमिका में नजर आएंगे ? अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें झारखंड कोटे से राज्यसभा भेजा जा सकता है.

सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली कि रघुबर दास पर गृहमंत्री अमित शाह का आशीर्वाद अब तक बना हुआ है. 

रघुबर ने कहा एक कार्यकर्ता का पद कोई नहीं छीन सकता

हालांकि, कुछ दिनों पहले तक रघुबर दास को खुद ही पता नहीं था या वह यह खबर लीक नहीं करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने इस प्लान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी. उनसे जब पूछा गया कि क्या वे रिटायर हो जाएंगे तो उन्होंने इतना कहा था कि कार्यकर्ता ऐसा पद है जिसे कभी छीना नहीं जा सकता. उन्होंने यह भी कहा था कि वे एक कार्यकर्ता के तौर पर गांव-गांव जाएगें और चौपाल लगा कर लोगों की बात सुनेंगे और उन्हें जागरूक करेंगे.

मालूम हो कि फरवरी या मार्च महीने में झारखंड से राज्यसभा की दो सीटें खाली होने वाली हैं. पार्टी इस मूड में हैं कि रघुबर दास को राज्यसभा भेजा जाए. झारखंड भाजपा के प्रदेश मंत्री दीपक प्रकाश ने बताया कि जल्दी ही पार्टी बैठक कर विधायक दल का नेता चुनने वाली है. इसके साथ ही भाजपा की हार की समीक्षा करने के लिए एक बैठक भी की जाएगी. 

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