पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी आलाकमान के फैसले पर उठाए सवाल, खुलकर बोले- यह निर्णय सही नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री और बेंगलुरु उत्तर के सांसद डी.वी. सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को भाजपा आलाकमान के उदासीन व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की और पार्टी से विपक्ष का नेता चुनने और राज्य इकाई को विश्वास में लेने का आग्रह किया. गौड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं केंद्रीय नेताओं से कर्नाटक राज्य के नेताओं को विश्वास में लेने का अनुरोध करता हूं.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 10, 2023, 04:43 PM IST
  • 'लोकसभा में दोहरी जीत सुनिश्चित करेंगे'
  • मैंने ईमानदारी से काम किया हैः गौड़ा
पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी आलाकमान के फैसले पर उठाए सवाल, खुलकर बोले- यह निर्णय सही नहीं

नई दिल्लीः पूर्व मुख्यमंत्री और बेंगलुरु उत्तर के सांसद डी.वी. सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को भाजपा आलाकमान के उदासीन व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की और पार्टी से विपक्ष का नेता चुनने और राज्य इकाई को विश्वास में लेने का आग्रह किया. गौड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं केंद्रीय नेताओं से कर्नाटक राज्य के नेताओं को विश्वास में लेने का अनुरोध करता हूं.'

'लोकसभा में दोहरी जीत सुनिश्चित करेंगे'
उन्होंने कहा, 'हम विधानसभा चुनाव में भले ही हार गए हों, लेकिन लोकसभा चुनाव में हम पार्टी के लिए दोहरी जीत सुनिश्चित करेंगे. कृपया राज्य के नेताओं को विश्वास में लें. राज्य का दौरा न करने और विपक्ष के नेता का चुनाव न करने का निर्णय सही नहीं है.'

संन्यास लेने के फैसले पर किसी का दबाव नहीं
चुनावी राजनीति से संन्यास के बारे में बोलते हुए, गौड़ा ने कहा कि चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के उनके फैसले पर किसी का कोई दबाव नहीं था. 'मैं भगवान हनुमान की तरह अपना दिल खोलकर नहीं दिखा सकता. मैंने सच कहा है और मैंने इस मामले पर किसी भी नेता से चर्चा नहीं की है.'

मैंने ईमानदारी से काम किया हैः गौड़ा
उन्होंने कहा, 'मैंने 2019 में चुनाव नहीं लड़ने के बारे में बात की थी. पार्टी और आरएसएस चाहते थे कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं. मैंने ईमानदारी से काम किया है और पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है. मैं राजनीति में कभी भी चापलूस नहीं था.'

येदियुरप्पा के उस बयान के बारे में बोलते हुए कि उन्हें पार्टी के वरिष्ठों ने सीधे तौर पर सेवानिवृत्ति लेने के लिए कहा था, गौड़ा ने कहा कि येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया था और कहा था कि उन पर चुनाव से दूर रहने का कोई दबाव नहीं था.

'सदानंद गौड़ा किसी नेता के गुलाम नहीं हैं'
उन्होंने चुनौती दी, 'सदानंद गौड़ा किसी नेता के गुलाम नहीं हैं. मैं दबाव में निर्णय नहीं लूंगा. मुझे लालच नहीं दिया जा सकता और मुझे अपनी जिम्मेदारी का एहसास है. बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट पर 32 लाख मतदाता हैं. यदि कोई मतदाता कहता है कि मैं गलत हूं, तो मैं बेंगलुरु शहर छोड़ दूंगा.' गौड़ा ने पहले जद (एस) के साथ गठबंधन करने के पार्टी के फैसले पर खुले तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.

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