पटना. अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आगामी 22 जनवरी को होना है. इस बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हुई हैं. इसी क्रम में यूपी के पड़ोसी राज्य बिहार में भी राजनीतिक बयानबाजी का एक मामला सामने आया है. दरअसल बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि 'बीमार पड़ोगे तो अस्पताल जाओगे या मंदिर'. उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि ये तुष्टिकरण कर सकते हैं, लेकिन, देश और राज्य का हित नहीं कर सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने लगाए आरोप
मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा-ये तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. तुष्टिकरण की राजनीति करते-करते पीएम मोदी और बीजेपी को गाली देते हैं. हमें इनकी नसीहत नहीं चाहिए. ये केवल भ्रम पैदा कर सकते हैं. मैंने उनसे आग्रह किया था कि आप बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री भी हैं तो आप क्यों नहीं हज भवन को अस्पताल बना देते हैं? इतना बढ़िया सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनेगा. उपदेश देने से बढ़िया ये काम कर दें. मैं तो जानता हूं कि ये कितने रोजगार दे रहे हैं, कितने इफ्तार कर रहे हैं, लेकिन गरीब हिंदुओं को नहीं खिलाएंगे. ये हज वालों से कभी नफरत नहीं करेंगे. हिंदू से नफरत करेंगे.
दो दिन पहले दिया था तेजस्वी ने बयान
दरअसल डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने यह बयान दो दिन पहले दिया था. उन्होंने बिहार के मधुबनी जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा-बीमार पड़ेंगे तो अस्पताल जाओगे कि मंदिर? भूख लगेगी तो मंदिर जाओगे? खाना मिलेगा? वहां उल्टा दान मांग लेंगे.
सुशील मोदी ने भी की आलोचना
बता दें कि गिरिराज से पहले बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और दिग्गज बीजेपी नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी के बयाव पर सवाल उठाए थे. सुशील मोदी ने ट्वीट किया था-अगर हिम्मत है तो स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सारे मंदिर-मस्जिद ध्वस्त कर उनकी जगह अस्पताल बनवाने की घोषणा करें. यह बयान हिंदुओं की आस्था को जानबूझ कर आहत करने वाला है. चोट लगने पर कोई मंदिर नहीं, अस्पताल जाता है. अगर लोगों को चिकित्सा के लिए अस्पताल चाहिये, तो मानसिक शांति के लिए मंदिर भी चाहिए. दवा और दुआ, दोनों की जरूरत पड़ती है.
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