नई दिल्ली: निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पर हनुमान चालीसा पाठ की बात क्या कही, पूरे महाराष्ट्र में सियासी घमासान छिड़ गया. सांसद और उनके पति विधायक रवि राणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उनपर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाने लगा. अब राणा दंपत्ति के लिए आज का दिन काफी अहम है.
राणा दंपत्ति की जमानत पर सुनवाई आज
महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के लिए आज का दिन बेहद अहम है. मुंबई सेशंस कोर्ट में दोनों की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होनी है. इससे पहले राणा दंपति ने सेशंस कोर्ट में नई जमानत याचिका दाखिल की थी और कहा था कि हनुमान चालीसा पाठ का ऐलान भड़काऊ नहीं माना जा सकता है.
दोनों पर राजद्रोह का भी आरोप
राजद्रोह की धारा लगाए जाने पर राणा दंपति ने याचिका में कहा है कि उन्होंने कोई वैसा कदम नहीं उठाया जिससे ये इल्जाम लगे. वहीं नवनीत और रवि राणा ने कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें जेल में घर का बना खाना देने की इजाजत मांगी है. जिस पर फैसला जमानत याचिका की सुनवाई के बाद होने की उम्मीद है.
6 मई तक न्यायिक हिरासत में हैं राणा दंपत्ति
इससे पहले 26 अप्रैल को नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को सेशंस कोर्ट ने 6 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.। पहली FIR को रद्द करने की मांग को लेकर नवनीत और रवि राणा की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 29 अप्रैल तय की थी.
मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने पर संग्राम
गौरतलब है कि राणा दंपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ‘मातोश्री’ आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी. इसके बाद मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया था. बाद में राजद्रोह की भी धारा लगा दी गई थी.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्यों खारिज कर दी याचिका?
बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत की उम्मीद टूटने के बाद निगाहें आज सेंशस कोर्ट पर टिकी हैं. सेशंस कोर्ट में आज सुनवाई है, इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि 'किसी के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है.'
अदालत ने ये भी कहा था कि 'राणा दंपत्ति की वजह से लॉ एंड आर्डर की समस्या पैदा हो गयी थी. पुलिस की इस बात में तथ्य है. याचिकाकर्ता (राणा दंपत्ति) एक जन प्रतिनिधि हैं इसलिए उनकी जवाबदारी भी बड़ी है. बड़ा पद बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है. यह सबको पता है. इसलिए ऐसे लोगों को कुछ भी जिम्मेदारी की भावना से बोलना चाहिए. इतनी अपेक्षा की जाती है.'
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