नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ा, जिसका फायदा पार्टी को मिलता दिख रहा है. राज्य में अपने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस सरकार पर आक्रामक रहे प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप घोटाले सहित अन्य कथित घोटालों को लेकर भूपेश बघेल सरकार पर जमकर हमला बोला था. प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के वादों के सामने अपनी ‘गारंटी’ को लोगों के सामने रखा और कहा कि “मोदी की गारंटी मतलब वादों को पूरा करने की गारंटी” है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त होने का भी आरोप लगाया.
बीजेपी ने ऐसे बदली तस्वीर
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम से आहत भाजपा इस चुनाव से एक वर्ष पहले तक लगभग बिखरी हुई नजर आ रही थी और विधानसभा के उपचुनावों तथा स्थानीय निकायों में हार ने पार्टी को और भी निराश कर दिया था. लेकिन चुनाव से कुछ माह पहले प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लगातार प्रवास ने यहां भाजपा को संजीवनी प्रदान कर दी. राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद ऐसा प्रतीत हुआ कि भाजपा का अभियान मुख्य रूप से केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री मोदी की छवि पर आधारित है.
पीएम मोदी ने की कई रैली
प्रधानमंत्री ने चुनाव आचार संहिता के लागू होने के बाद राज्य के सभी पांच संभागों में रैलियों को संबोधित किया और भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. इस दौरान उनकी सभा में बड़ी भीड़ देखी गई. नौ अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता के लागू होने के बाद मोदी ने कांकेर, दुर्ग, सूरजपुर, मुंगेली और महासमुंद जिले में पांच रैलियों को संबोधित किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. वहीं चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले उन्होंने चार रैलियों जगदलपुर (अक्टूबर में), बिलासपुर और रायगढ़ (सितंबर) तथा रायपुर (जुलाई) को संबोधित किया था.
मोदी फैक्टर ने दिलाई सत्ता
राज्य में हो रही मतगणना में भाजपा को बहुमत से अधिक सीटों पर बढ़त से प्रतीत होता है कि ‘मोदी फैक्टर’ ने भाजपा के पक्ष में काम किया है और वह मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने में कामयाब रहे हैं. राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में खबर लिखे जाने तक भाजपा 54 सीटों पर आगे चल रही है. राज्य में सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में कहा था, “भाजपा ने बनाया है, भाजपा ही संवारेगी” (भाजपा ने छत्तीसगढ़ बनाया है और वही राज्य को संवारेगी).
मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद, छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान 2000 में किया गया था. मोदी ने अपनी हर रैलियों में छत्तीसगढ़ के लिए भाजपा के चुनावी नारे ‘अउ नहीं सहिबो, बदल के रहिबो' (किसी को बर्दाश्त नहीं करेंगे, सरकार बदल देंगे) का इस्तेमाल किया था.
मुंगेली और महासमुंद में 13 नवंबर को रैलियों को संबोधित करते हुए चुनाव प्रचार के लिए राज्य की अपनी आखिरी रैली में मोदी ने कहा था कि कांग्रेस का एकमात्र लक्ष्य छत्तीसगढ़ को लूटना और अपना खजाना भरना है. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे तथा उनके (बघेल के) रिश्तेदारों पर भी आरोप लगाया था कि उन्होंने और उनके करीबी अफसरों ने पांच साल में छत्तीसगढ़ को लूटा और बर्बाद कर दिया.
कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री बघेल पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, “30 प्रतिशत वाले कक्का का सरकार से जाना पक्का हो गया है.” राज्य में भूपेश 'काका' (चाचा) के नाम से लोकप्रिय हैं. राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती में कथित अनियमितताओं सहित बघेल सरकार में कथित घोटालों को लेकर उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आती है, तो भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. मोदी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जनगणना की वकालत करने के लिए भी कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा था कि देश में उनके लिए “गरीब सबसे बड़ी जाति” है.
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